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विदिशा

डीएफओ ने जमीन पर बैठकर सुनीं भीलों और ग्रामीणों की बात

कब्जे वाली जगह के चारों ओर खंती खोदकर वन विभाग करेगा पौधरोपण

विदिशाAug 09, 2020 / 09:41 pm

govind saxena

डीएफओ ने जमीन पर बैठकर सुनीं भीलों और ग्रामीणों की बात

डीएफओ ने जमीन पर बैठकर सुनीं भीलों और ग्रामीणों की बात

लटेरी. देहरीपामा बीट के ग्राम वानरसेना में भीलों और ग्रामीणों के बीच वन भूमि पर कब्जे को लेकर चल रहे विवाद के चलते शनिवार को भीलों ने ग्रामीणों पर गोफन से पत्थर बरसाए थे। इसकी खबर पत्रिका ने प्रमुखता से प्रकाशित की थी, इसके बाद ग्रामीणों और भीलों के बीच विवाद बढ़ता देख रविवार की सुबह डीएफओ राजवीर सिंह और विदिशा एसडीओ राजीव श्रीवास्तव मौके पर जा पहुंचे। डीएफओ ने दोनों पक्षों को बुलाया और खुद जंगल में ही ग्रामीणों और भीलों के बीच ही जमन पर बैठकर सबकी सुनते रहे। उन्होंने दोनों पक्षों को सुनने के बाद कहा कि यह वन भूमि है और इसके चौतरफा खंदी खोदी जाएगी, जिससे जानवर न आ सकें, इसके बाद फेंंसिंग कर यहां पौधे रोपे जाएंगे। डीएफओ की इस समझाइश पर दोनों पक्ष फिलहाल मान गए हैं। इसके साथ ही डीएफओ ने वन की रक्षा के लिए जागरुकता अभियान चलाने की बात करते हुए कहा कि जगह-जगह पोस्टर, पंपलेट लगाए जाएंगे जिसमें वनों की रक्षा के साथ ही इन्हें नुकसान पहुंचाने की स्थिति में सूचना देने के लिए संबंधित अधिकारियों के मोबाइल नंबर भी अंकित रहेंगे। भीलों और ग्रामीणों से इस चर्चा के दौरान रेंजर बीएल समर भी मौजूद रहे।
वन भूमि पर कब्जे का है पूरा मामला
ग्राम वानरसेना की जिस वन भूमि पर रविवार को डीएफओ लोगों से चर्चा के लिए पहुंचे वहां पिछले काफी दिनों से भीलों की टोली आकर झाडिय़ों को साफ कर खेत बनाने और वहां कब्जा करने की फिराक में है। बड़ी संख्या में भील कुछ दिनों से कुल्हाडिय़ों से इस काम को अंजाम देने में जुटे हैं। जबकि इस गांव के लोग इसे अपने क्षेत्र में हस्तक्षेप मान रहे हैं, ग्रामीणों का कहना है कि वर्षों से हमारी मवेशी यहां चरती है, भीलों का कब्जा हो गया तो मवेशियों की समस्या होगी। वन भूमि पर कब्जे की इस रार पर ही बड़े विवाद की आशंका थी।
स्टॉफ की कमी को जल्दी पूरा करेंगे
डीएफओ सिंह ने एक ही डिप्टी रेंजर के पास चारा सर्किल का भार होने की स्थिति जानना चाही तो उन्होंने स्टॉफ की कमी स्वीकारते हुए कहा कि जल्दी ही स्टॉफ की कमी को पूरा किया जाएगा। गौरतलब है कि एक ही डिप्टी रेंजर पर चार-चार सर्किल का भार होने से वे अपनी जिम्मेदारी ठीक से नहीं निभा पाते हैं, यही कारण है कि क्षेत्र में वन भूमि पर अतिक्रमण और कटाई की स्थिति बन रही है।

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