ग्राम वानरसेना की जिस वन भूमि पर रविवार को डीएफओ लोगों से चर्चा के लिए पहुंचे वहां पिछले काफी दिनों से भीलों की टोली आकर झाडिय़ों को साफ कर खेत बनाने और वहां कब्जा करने की फिराक में है। बड़ी संख्या में भील कुछ दिनों से कुल्हाडिय़ों से इस काम को अंजाम देने में जुटे हैं। जबकि इस गांव के लोग इसे अपने क्षेत्र में हस्तक्षेप मान रहे हैं, ग्रामीणों का कहना है कि वर्षों से हमारी मवेशी यहां चरती है, भीलों का कब्जा हो गया तो मवेशियों की समस्या होगी। वन भूमि पर कब्जे की इस रार पर ही बड़े विवाद की आशंका थी।
डीएफओ सिंह ने एक ही डिप्टी रेंजर के पास चारा सर्किल का भार होने की स्थिति जानना चाही तो उन्होंने स्टॉफ की कमी स्वीकारते हुए कहा कि जल्दी ही स्टॉफ की कमी को पूरा किया जाएगा। गौरतलब है कि एक ही डिप्टी रेंजर पर चार-चार सर्किल का भार होने से वे अपनी जिम्मेदारी ठीक से नहीं निभा पाते हैं, यही कारण है कि क्षेत्र में वन भूमि पर अतिक्रमण और कटाई की स्थिति बन रही है।