जिसके चलते उन्होंने तुरंत एंबुलेंस को फोन किया और सिरोंज अस्पताल के लिए रवाना हुए। इतने में अस्पताल परिसर पहुंचते ही एंबुलेंस में ही पत्नी को प्रसव हुआ और दूसरी बच्ची मृत हुई। इसके बाद पत्नी को अस्पताल में भर्ती कराया तो वहां पत्नी को बहुत ब्लीडिंग हो रही थी। डॉक्टर्स ने बताया कि उनकी पत्नी की बच्चादानी फट गई है और उपचार शुरू किया। वहीं अस्पताल की स्टाफ नर्स ने उनसे अच्छे से उपचार करने के नाम पर 1 हजार रुपये मांगे, लेकिन उन्होंने रुपए देने में असमर्थता जताई तो स्टाफ नर्स उन पर भड़क गई और चिल्लाचोट करने लगीं। वहीं डॉक्टर्स ने भी लापरवाही पूर्वक इलाज करते हुए कुछ ही समय में जिला अस्पताल रेफर कर दिया। सुरेश ने बताया कि वह एंबुलेंस से रात करीब 10 बजे जिला अस्पताल पहुंचे। जहां डॉ. ने महिला को मृत बताया।
सुरेश के अनुसार इस पूरे मामले में सिरोंज अस्पताल में लापरवाही नहीं बरती गई होती तो, उनकी पत्नी बच जाती। उन्होंने लापरवाही बरतने वाले डॉक्टर और स्टाफ नर्स के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। वहीं जिला अस्पताल में पीएम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। अस्पताल परिसर में सुरेश की बुजुर्ग मां और अन्य परिवार की महिलाएं जीवित बच्ची को यहां वहां रखे हुए घूम रही थी। सुरेश ने बताया कि उसके पहले से 4 बच्चे हैं वहीं यह उसकी पत्नी की पांचवी डिलीवरी थी।