script60 दिनों में बदली कई किसानों की तकदीर, मूंग ने लौटाई अन्नदाता के चेहरे पर मुस्कान | Farmers benefited immensely from the good yield of moong crop | Patrika News
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60 दिनों में बदली कई किसानों की तकदीर, मूंग ने लौटाई अन्नदाता के चेहरे पर मुस्कान

मूंग फसल ने बदली तकदीर…60 दिन, 2800 किसान, मूंग उगाई 29 करोड़ की, बाजार को मिलेगा बूस्टर डोज

विदिशाJun 17, 2021 / 04:40 pm

Shailendra Sharma

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विदिशा. हरदा होशंगाबाद और नरसिंहपुर के बाद अब विदिशा जिले में भी मूंग की फसल किसानों की तकदीर बदल रही है। गर्मी के मौसम में अब तक किसान अपने खेत खाली छोड़ते आए थे, लेकिन कोरोना में खाली बैठे किसानों को पड़ोसी जिलों से प्रेरित होकर आय का नया स्रोत दिया है। पर्याप्त पानी होने से जिले में 2800 किसानों ने गर्मी में मूंग उगाकर एक साल में तीसरी फसल ली। समर्थन मूल्य के मान से इसकी कीमत करीब 29.93 करोड़ मानी जा रही है। इससे कृषि आधारित जिले में वैवाहिक सीजन निकलने से कोरोना में पिट चुके बाजार को एक बूस्टर डोज मिलने की संभावना है। कृषि विभाग के मुताबिक किसानों की यह आय सिर्फ 60 दिनों की है और आगामी वर्ष में मूंग का ग्रीष्मकालीन रकबा और अधिक बढ़ाया जाएगा।

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मूंग ने लौटाई किसानों की मुस्कान
जिले में रबी की फसल गेहूं, चना और मसूर आदि की कटाई के बाद बहुत कम किसान गर्मी में कृषि भूमि का उपयोग करते थे। 400 हेक्टेयर में गर्मी में मूंग की बोवनी होती थी, लेकिन अन्य जिलों में मूंग का बढ़ता रकबा और किसानों को इससे होने वाली आय को देखते हुए जिले के किसानों का रुझान भी गर्मी में मूंग फसल लेने की तरफ जागा। ऐसे में जिन किसानों के पास सिंचाई के साधन थे उनमें ज्यादातर ने मूंग फसल लगाई, जिससे यह रकबा 3200 हेक्टेयर पर पहुंच गया और अच्छी पैदावार हुई। पूर्व में किसान अपने घर के उपयोग के लिए मूंग उगाते थे और यह रकबा कई वर्षों से करीब 400 हेक्टेयर तक ही सिमटा हुआ था। लेकिन इस साल बड़ी संख्या में किसानों ने मूंग की फसल लगाई और पैदावार अच्छी होने और अच्छे भाव मिलने से उनके चेहरे खिले हुए हैं।

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अभी कई खेतों में कटाई का इंतजार
किसान मोहरसिंह रघुवंशी ने 15 बीघा में मूंग फसल लगाई है, लेकिन फसल कटाई के लिए बारिश थमने का इंतजार है। उन्होंने बताया कि बारिश में सोयाबीन और अन्य फसलों में नुकसान की संभावना रहती है। इससे पहले मूंग की यह अतिरिक्त फसल निश्चित ही किसानों को लाभ दिलाने वाली रहेगी। जिन किसानों ने पहले बोवनी की उनकी मूंग फसल कट चुकी लेकिन देरी से बोवनी एवं समय पूर्व बारिश आ जाने से फसल कटाई में कुछ समस्या आ रही है। बारिश रुकते ही किसान खेतों में खड़ी अपनी मूंग की फसल काट सकेंगे।

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60 दिन में उगाई 41600 क्विंटल मूंग
कृषि विभाग के मुताबिक मूंग की यह फसल मात्र 60 दिन की है। जिले में 300 हेक्टेयर में मूंग की बोवनी हुई थी। इसमें प्रति हेक्टेयर 12-13 क्विंटल तक उत्पादन हुआ है। इस तरह जिले में 41600 क्विंटल मूंग फसल की पैदावार का अनुमान है। सरकार ने इसका समर्थन मूल्य 7196 रुपए रखा है, जिससे यह फसल 29 करोड़ 93 लाख 53 हजार की होगी। इस फसल के बाद किसान सोयाबीन, धान और मक्का आदि फसल भी लगा सकेंगे। कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अगले वर्ष गर्मी के दिनों में मूंग का यह रकबा 30 हजार हेक्टेयर होने का अनुमान है जो इस वर्ष से करीब आठ गुना अधिक होगा। कृषि विभाग के उप संपाचलक पीके चौकसे ने बताया कि ग्रीष्मकालीन यह मूंग की फसल किसान की अतिरिक्त आय है। जिले में पहली बार किसानों ने इस फसल में विशेष रुचि ली और अगले वर्ष मूंग का यह रकबा 8 गुना अधिक बढ़ाया जाएगा।

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