ग्राम वहीं बैस निवासी मंगलसिंह ठाकुर ने बताया कि उनकी सोसायटी रंगई है, लेकिन बैस गांव के किसानों के नाम सूची में नहीं मिल रहे हैं। सोसायटी में भी बैस गांव के किसानों की सूची नहीं है। यहां नगरपालिका आए तो यहां भी सूची में बैस गांव के किसानों के नाम नहीं मिल रहे। योजना के कार्य में लगे कर्मचारी भी नहीं बता पा रहे कि बैस गांव के किसानों के नाम सूची में कहां मिलेंगे।
इधर ग्राम सौजना के किसान प्रहलाद रघुवंशी ने बताया कि उनके ऊपर कर्ज 1 लाख 75 हजार रुपए का था लेकिन सूची में यह कर्ज 2 लाख 47 हजार रुपए बताया जा रहा। ऐसे अकेले वे नहीं गांव के अधिकांश किसानों के साथ ऐसी ही स्थिति बन रही है। राशि जमा होने के बाद भी खातों में राशि कम नहीं हो पाई और कुल राशि से अधिक राशि सूची में आने से किसान परेशान हो रहे हैं।
नगरपालिका कार्यालय में राजस्व शाखा के बगल के कक्ष में ऋण माफी योजना के फार्म वितरण का कार्य हो रहा, लेकिन किसानों की संख्या बढऩे के साथ ही यह कक्ष छोटा पडऩे लगा है। यह कक्ष दूसरी मंजिल पर भी होने से बुजुर्ग किसानों को सीढिय़ां चढ़कर कक्ष तक पहुंचने में परेशान आ रही है।
-सत्येंद्र धाकरे, सीएमओ, नगर पालिका