scriptबजट में अटकीं मुख्यमंत्री जन कल्याण योजना की फाइलें | Files of Chief Minister Jan Kalyan Yojana stuck in budget | Patrika News
विदिशा

बजट में अटकीं मुख्यमंत्री जन कल्याण योजना की फाइलें

अपनों को गए महीनों बीते, लेकिन खजाने से मदद नहीं दे पाई सरकार

विदिशाNov 15, 2019 / 09:08 am

Bhupendra malviya

बजट में अटकीं मुख्यमंत्री जन कल्याण योजना की फाइलें

बजट में अटकीं मुख्यमंत्री जन कल्याण योजना की फाइलें

विदिशा। शासन की योजनाओं पर बजट का ग्रहण लगा हुआ है। मुख्यमंत्री जन कल्याण योजना में मृतकों के परिजनों को सहायता राशि देने का प्रावधान है। लेकिन नपा की योजना शाखा में ऐसे अनेक प्रकरण फाइलों में दबे हैं जिनमेें 8 माह में भी पात्र हितग्राही की मृत्यु के उपरांत आर्थिक मदद उपलब्ध नहीं कराई जा सकी।
पीडि़त हितग्राहियों को मदद दिलाने पार्षद भी लगातार प्रयास कर रहे लेकिन उन्हें बजट नहीं होने का हवाला दिया जा रहा। पीडि़तों की मदद में हो रही देरी से पार्षदों में भी नाराजी है।
पार्षदों का कहना है कि मुख्यमंत्री जन कल्याण योजना (नया सबेरा) में सामान्य मृत्यु पर दो लाख रुपए एवं सड़क हादसे में चार लाख रुपए की मदद के प्रावधान है, लेकिन गरीबों के लिए लागू इस योजना के प्रति नगरपालिका गंभीर नहीं है।
२५ प्रकरण स्वीकृत और कई प्रकरण लंबित नपा से मिली जानकारी के अनुसार 25 प्रकरण स्वीकृत है। पोर्टल भी इन हितग्राहियों के नाम आ चुके और अभी कई प्रकरण प्र्रक्रिया में है। शहर के वार्ड-29 में आर्थिक सहायता के 9 प्रकरण है जिनमें लोग करीब आठ माह से राशि का इंतजार कर रहे। इसी तरह वहीं वार्ड-35 में 4 प्रकरण छह माह से अटके हुए हैं। वहीं वार्ड-6 में 3 प्रकरण एवं वार्ड-9 में दो प्रकरण आर्थिक सहायता के हैं पर अब तक पीडि़तों को राहत राशि नहीं मिल सकी है।
प्रकरण 1- बुढ़ापे का सहारा छिन गया वार्ड क्रमांक-14 निवासी बुजुर्ग कमल जैन एवं उनकी पत्नी चंदा जैन जून माह में अपने इकलौते पुत्र ४२ वर्षीय नीरज जैन को बीमारी में खो चुके। पांच माह में भी उनकी आंखों के आंसू सूखे नहीं है। मदद की बात करने पर बुजुर्ग दंपति रो पड़े।
बुजुर्ग दंपति का कहना रहा कि पीलिया हुआ था। भोपाल में निजी अस्पताल में २० दिन आईसीयू में रखा गया। इलाज के लिए लोगों से कर्ज लेना पड़ा। करीब छह लाख रूपए खर्च हो गए। बुजुर्ग को खुद पैरालायसिस है। ऐसे में बुजुर्ग दंपति सहित मृतक की पत्नी व दो बच्चे सभी आर्थिक संकट से जूझ रहे। जुलाई माह में इस योजना के लिए आवेदन किया। वार्ड पार्षद के मुताबिक प्रकरण स्वीकृत है लेकिन अब तक राहत राशि नहीं मिल पाई।
प्रकरण 2- 18 वर्षीय बेटे पर अब परिवार की जिम्मेदारी वहीं इसी वार्ड में 54 वर्षीय सलीम की मौत से परिवार आर्थिक संकट में है। परिजनों के मुताबिक बे्रन हेमरेज के कारण सलीम की मौत भोपाल में उपचाररत रहते अपैल माह में हो गई। अब उनके १८ वर्षीय पुत्र पर परिवार की जिम्मेदारी आ गई है।
छोटी सी पतंग की दुकान ही परिवार के तीन सदस्यों के भरण पोषण का सहारा है। मई माह में योजना के तहत आवेदन किया। प्रकरण स्वीकृत होने के बाद भी राशि अब तक नहीं मिल पाई है। हर वार्ड में ऐसी नौबत वार्ड-16 के पार्षद एवं नपा में नेता प्रतिपक्ष राजेश नेमा का कहना है कि शहर में गरीबों की मदद के करीब सौ प्रकरण अटके हुए हैं। इसके लिए वे नपा की कार्यप्रणाली को जिम्मेदार मान रहे।
उनका कहना है कलेक्टर ने दो माह पूर्व स्वीकृत प्रकरणों की सूची मांगी थी लेकिन नपा ने सूची नहीं दी। इससे हितग्राहियों को राहत राशि मिल पा रही है।

सत्यापन कार्य के कारण देरी हुई। श्रम अधिकारी द्वारा बजट न होने की भी बात की थी। सभी प्रकरण श्रम विभाग भेजे जा रहे हैं।
– सुधीरसिंह, सीएमओ

Home / Vidisha / बजट में अटकीं मुख्यमंत्री जन कल्याण योजना की फाइलें

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो