चौकाने वाले आंकड़े सामने आए
जिलेभर में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों कुल 100 कुआं के माध्यम से भू-जल सर्वे विभाग द्वारा भू-जल स्तर की जांच साल में चार बार की जाती है। जिससे पता चलता है कि भू-जल स्तर नीचे जा रहा है या ऊपर आ रहा है। विभाग द्वारा अगस्त 2019 में जब इन कुओं के माध्यम से भू-जल स्तर का सर्वे करवाया, तो चौकाने वाले आंकड़े सामने आए।
क्षेत्र के लिए सुखद माना जा रहा है
ग्यारसपुर में 2006 से लेकर अब तक में सबसे ज्यादा भू-जल स्तर 1.39 मीटर तक आ गया, जो कि अब तक रिकार्ड है। इसी प्रकार नटेरन तहसील में 13 साल में पहली बार भू-जल स्तर 3.35 पह आया है, जो क्षेत्र के लिए सुखद माना जा रहा है। इसी प्रकार कुरवाई तहसील में भी भू-जल स्तर 14 साल में पहली बार 1.80 मीटर तक पहुंच गया है। भू-जल स्तर बढऩे से इन क्षेत्रों में कम से कम सालभर पानी की किल्लत नहीं होगी और हैंडपंप के बोर आदि नहीं सूखेंगे।
यह है तीनों तहसीलों के 13 साल के भू-जल स्तर के आंकड़े मीटर में
वर्ष ग्यारसपुर नटेरन कुरवाई
2007 4.35 5.63 4.28
2008 4.01 5.22 3.86
2009 4.44 5.66 4.70
2010 4.83 6.20 4.88
2011 4.46 5.38 4.21
2012 3.76 4.89 4.30
2013 2.93 3.61 3.06
2014 4.58 6.50 4.53
2015 2.30 4.17 2.50
2016 1.73 3.72 2.25
2017 3.54 6.66 4.06
2018 3.60 5.96 4.12
2019 1.39 3.35 1.80
14 साल में दूसरी बार बढ़ा पूरे जिले का औसत भू-जल स्तर
वर्ष 2006 से 2019 तक प्रत्येक साल अगस्त माह में लिए गए भू-जल स्तर के आंकड़ों पर नजर डालें तो 14 साल में दूसरी बार जिले का भू-जल स्तर काफी बढ़ है। 2016 में यह 2.22 मीटर तक आ गया था। इसके बाद दो साल तक भू-जल स्तर गिरा और फिर अगस्त 2019 में बढ़कर 2.34 मीटर पर आ गया।
जिले के भू-जल स्तर के 14 साल के आंकड़े (अगस्त माह के)
वर्ष भू-जल स्तर मीटर में
2006 3.07
2007 4.67
2008 4.38
2009 4.80
2010 5.15
2011 4.51
2012 4.30
2013 3.12
2014 5.00
2015 3.25
2016 2.22
2017 5.15
2018 4.88
2019 2.34
इनका कहना है
इस साल औषत से अधिक बारिश हो जाने के कारण भू-जल स्तर काफी बढ़ गया है, जो अगस्त माह में किए गए सर्वे में 2.34 मीटर तक आ गया। 14 साल में दूसरी बार भू-जल स्तर इतना बढ़ा है। वहीं तीन तहसीलों में करीब 13 से अधिक साल बाद इतना अधिक भू-जल स्तर बढ़ा है। जिसका लाभ जिलेवासियों को मिलेगा।
– आरसी शर्मा, सहायक भूजल विद्, विदिशा