मामला तब शुरू हुआ जब सुबह 7.30 बजे किसी ने भाजपा के कुछ नेताओं को विवेकानंद चौराहे पर उनकी प्रतिमा के सामने विधायक निधी से प्रतीक्षालय बनने की खबर लगी। रातों रात यह प्रतीक्षालय बनने से मामला गड़बड़ा गया। यह खबर मिलने के बीच ही बंटीनगर चौराहे पर रानी अवंतीबाई की प्रतिमा के सामने भी प्रतीक्षालय निर्माण जारी रहने की खबर आ गई। वहां स्थानीय लोगों, समाज के लोगों ने पहुंचकर हंगामा किया और मौके पर विधायक शशांक भार्गव का पुतला फूंक डाला। यह देख वहां शेड निर्माण कर रहे लोगों ने घबराकर अपना सामान समेट लिया और बनने से पहले ही प्रतीक्षालय हटा लिया गया।
यह मामलाा खत्म हुआ भी नहीं था कि विवेकानंद चौराहे पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की टीम वहां पहुंच गई। खूब हंगामा हुूआ, नारेबाजी करते हुए युवा बीच सडक़ पर बैठकर प्रदर्शन करने लगे। खबर मिलते ही तहसीलदार केएन ओझा और पुलिस भी आ गई। युवाओं की टीम रातों रात बनाए गए इस प्रतीक्षालय को हटाने की मांग कर रहे थे। कुछ ही देर में नगरपालिका की जेसीबी मौके पर पहुंच गई और युवाओं के हंगामे के बीच पहले रैलिंग, कुर्सियां और फिर पूरा शेड जेसीबी के पंजों से निकाल फेंका गया। वह चबूतरा भी पूरी तरह उखाड़ दिया गया, जिस पर प्रतीक्षालय बनाया गया था। हालांकि तहसीलदार ओझा ने कहा कि प्रतीक्षालय का सामान तोडऩा उचित नहीं था, लेकिन मेरे आने से पहले ही तोड़ दिया गया।
उधर विधायक शशांक भार्गव ने पत्रिका को भेजे पत्र में उल्लेख किया है कि किस तरह जिला योजना और सांख्यिकी विभाग से बंटीनगर चौराहे और ईदगाह चौराहे पर 3-3 लाख से ज्यादा लागत के प्रतीक्षालय की तकनीकी स्वीकृति 8 दिसंबर 2020 को मिली थी। विधायक ने अपनी विधायक निधि से विधानसभा क्षेत्र के 11 स्थानों पर प्रतीक्षालय बनवाने के लिए अनुशंसा की थी, जिसकी कुल लागत 33 लाख 69 हजरी 597 रूपए थी। 14 दिसंबर को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति भी जारी कर दी गई थी। स्वीकृति आदेश में स्पष्ट उल्लेख है कि स्वीकृति आदेश के बाद कार्य में किसी प्रकार का परिवर्तन संभव नहीं है। कार्य का जिम्मा एमपी स्टेट एग्रो विदिशा को सौंपा गया था।
नियम विरूद्ध थे प्रतीक्षालय- सीएमओ
विधायक निधि से रातों रात प्रतीक्षालय बना दिया गया था। वह नियम विरूद्ध निर्माण था। यदि नियमानुसार था तो रातों रात क्यों बनया गया? शेड के लिए पहले यातायात, नगरपालिका, लोनिवि से अनुमति लेना होती है। वहां शेड बनने के बाद युवाओं ने दबाव बनाया, जिससे कानून व्यवस्था की स्थिति निर्मित हुई। जेसीबी पहुंची तो उससे लोगों ने दबाव डालकर प्रतीक्षालय तुड़वा दिया।
-सुधीर सिंह, सीएमओ नपा विदिशा
-केएन ओझा, तहसीलदार विदिशा
विवेकानंद जयंती के लिए हम आयोजन स्थल देखने आए थे, यहां आकर देखा तो विधायक ने प्रतीक्षालय बना दिया था। विवेकानंद चौराहे पर ईदगाह लिखा था। यह काम जानबूझकर किया गया है। अभाविप ने इसका विरोध कर प्रतीक्षालय हटवाया।
-योगेंद्र रघुवंशी, अभाविप नेता
कुछ अपराधी प्रवृत्ति के भाजपा नेताओं के दबाव में प्रशासन द्वारा यात्री प्रतीक्षालय को तोड़ा जाना जनविरोधी और विकास विरोधी कार्य है। कोई आपत्ति थी तो शेड को स्थानांतरित कराया जा सकता था। इस प्रकार से शासकीय संपत्ति को क्षति पहुंचाना निंदनीय है। इसके लिए दोषी अधिकारी-कर्मचारियों को निलंबित कर शासन की राशि को हुई क्षति की वसूली की जाए और प्रशासन उपयुक्त जगह चुनकर यात्री प्रतीक्षालय कहीं और बनवाए।
-शशांक भार्गव, विधायक विदिशा