कनारा क्रिकेट क्लब करीब 50 वर्ष से इस स्कूल के खेल मैदान का रखरखाव व उपयोग करता आया है। इससे स्कूल के विद्यार्थी इस मैदान को अपना समझकर उपयोग नहीं कर पाते। वर्षों से चली आ रही इस समस्या के बारे में विधायक शशांक भार्गव ने कलेक्टर को इस स्कूल मैदान की स्थिति से अवगत कराया। विधायक भार्गव का कहना है कि यह मैदान उत्कृष्ट का है लेकिन इस पर कब्जा है। यह मैदान स्कूल को वापस दिलाएं।
तीन वर्ष में किए 50 लाख खर्च
क्लब के पदाधिकारी बताते हैं कि पिछले तीन वर्ष में इस खेल मैदान पर 50 लाख रुपए खर्च किए जा चुके हैं। मैदान की बाउंड्रीवाल, दर्शक दीर्घा, कनारा का भवन आदि हैं। मैदान का रखरखाव कर इसे राष्ट्रीय स्तर का बनाया गया है और अ’छे रखरखाव के कारण प्रदेश के चुनिंदा मैदानों में यह गिना जाता है।
ऐसे पड़ा कनारा खेल मैदान नाम
कनारा क्लब से जुड़े लोगों का कहना है कि पूर्व में इस विद्यालय के प्राचार्य बीजी कनारा रहे हैं। क्रिकेट में उनकी गहरी रुचि थी। उनके नाम से ही कनारा क्लब बना और क्लब ने इस स्कूल का रखरखाव शुरू किया था। करीब 50 वर्ष से इस मैदान का रखरखाव कनारा क्लब ही करता आ रहा है। हर वर्ष राष्ट्रीय स्तर की क्रिकेट प्रतियोगिताएं होती है। कई अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी भी इस मैदान पर आ चुके।
मैदान उत्कृष्ट विद्यालय का ही है। हम रखरखाव करते आए हैं। इस पर किसी तरह का कब्जा नहीं है। उत्कृष्ट विद्यालय भी इसका उपयोग करता है।
-संदीप डोंगरसिंह, सचिव, कनारा क्लब
स्कूल का खेल मैदान होने के कारण जब-जब इसमें निर्माण कार्य शुरू हुए, हमारे द्वारा पत्र लिखकर जिला प्रशासन व शासन को अवगत कराया जाता रहा है। मेरे कार्यकाल के पहले से मैदान का रखरखाव क्लब कर रहा है।
-चारूलता सक्सेना, प्राचार्य, उत्कृष्ट विद्यालय