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विदिशा

अंग्रेजी माध्यम के सरकारी मिडिल स्कूल हुए बंद

अंग्रेजी माध्यम के प्रायमरी स्कूलों में चार साल बाद भी शिक्षकों के नहीं हुए इंतजाम

विदिशाSep 25, 2018 / 12:03 pm

वीरेंद्र शिल्पी

6 School Accreditation cancel in sidhi district

6 School Accreditation cancel in sidhi district

विदिशा. निजी स्कूल की तर्ज पर सरकारी स्कूलों में भी अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा देने के लिए सरकार की मंशानुसार चार वर्ष पूर्व सभी ब्लॉक में खोले गए माध्यमिक स्कूल शिक्षकों की नियुक्ति नहीं होने और अन्य व्यवस्थाएं नहीं जुटा पाने के कारण बंद हो गए हैं। वहीं अंग्रेजी माध्यम के प्रायमरी स्कूलों में चार साल बीत जाने के बावजूद शिक्षकों के तक इंतजाम नहीं हो सके हैं। ऐसे में इन स्कूल का संचालन मात्र औपचारिकता नजर आ रहा है।

2015-16 में विदिशा सहित गंजबासौदा, ग्यारसपुर, कुरवाई, लटेरी, नटेरन और सिरोंज में अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकारी माध्यमिक स्कूल खोले गए थे। लेकिन इन स्कूल में पढ़ाने के लिए हिंदी मीडियम के अध्यापकों की व्यवस्था की गई थी। अंग्रेजी माध्यम के लिए अलग से शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो पाई थी। पुस्तकों के अलावा अन्य सुविधाएं भी मुहैया नहीं करवाई गईं थीं। जिसके चलते अभिभावकों ने भी इन स्कूल में बच्चों को पढ़ाने में रूचि नहीं दिखाई। नतीजा यह हुआ कि कुछ स्कूल के प्रबंधन ने इन स्कूल को चलाने में लिखित में असमर्थता जताई और एक-एक कर अंग्रेजी माध्यम के सभी ब्लॉक के माध्यमिक स्कूल आज की स्थिति में लगभग बंद हो गए हैं। इनमें एक भी स्कूल में बच्चों का प्रवेश नहीं हो सका।

10 खोले थे प्रायमरी स्कूल
जिले में 2015-16 में अंग्रेजी माध्यम के सरकारी प्रायमरी स्कूल सौंठिया, टीलाखेड़ी, प्राथमिक शाला माधवगंज क्रमांक एक, बागरी, हांसुआ में खोले गए थे। इसके बाद अगले वर्ष 2016-17 में प्राथमिक शाला ठर्र, देवखजूरी, कुआखेड़ी, पीपलखेड़ा और गुलाबगंज में प्रायमरी स्कूल की शुरुआत की गई।

अब तक पुस्तकों के ही नहीं हो सके इंतजाम
जिले में संचालित सरकारी अंग्रेजी माध्यम के प्रायमरी स्कूलों के आलम यह हैं कि आधा से अधिक शिक्षा सत्र निकल जाने के बावजूद अब तक पुस्तकें इन स्कूल में नहीं पहुंच सकीं हैं। जिसके चलते गत वर्ष की किताबों से या अपने हिसाब से जैसे-तैसे शिक्षक बच्चों को पढ़ा रहे हैं। वहीं फर्नीचर सहित अन्य इंतजाम भी नहीं किए गए हैं।

चार स्कूल में प्रवेश ही नहीं हुए
अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति नहीं होने और पुस्तकों के इंतजाम नहीं होने सहित अन्य व्यवस्थाओं के अभाव में इस वर्ष प्राथमिक शाला गुलाबगंज, प्राथमिक शाला पीपलखेड़ा, प्राथमिक शाला हांसुआ और कुआंखेड़ी में एक भी बच्चे का प्रवेश नहीं हो सका।

एक ही कक्ष सभी कक्षाएं
पत्रिका ने सोमवार को नगर में संचालित अंग्रेजी माध्यम की सरकारी प्रायमरी स्कूल का मुआयना किया तो सामने आया कि टीलाखेड़ी प्रायमरी स्कूल में एक कक्ष में कक्षा एक से चार तक के बच्चों को एक ही अटैच की हुई शिक्षिका पढ़ा रहीं थीं। पूछने पर बताया कि अन्य शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो पाने के कारण उन्हें ही सभी बच्चों को पढ़ाना पड़ता है। इसी प्रकार माधवगंज क्रमांक एक में संचालित प्रायमरी स्कूल में हिंदी माध्यम की एक शिक्षिका एक कक्ष में एक से तीन तक के बच्चों को पढ़ा रहीं थीं।

-इनका कहना है…
-शिक्षकों की नियुक्ति जिस ढंग से होना थी, वह हो नहीं पाई। अंग्रेजी माध्यम के मिडिल स्कूलों में बीच की कक्षाओं में बच्चों के प्रवेश ही नहीं हुए। इस कारण यह स्कूल प्रारंभ ही नहीं हो सके और अब लगभग बंद जैसी स्थिति में हैं। वहीं प्रायमरी स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाने वाले शिक्षक कम हैं और ऊपर से भी इन स्कूल में शिक्षकों के लिए अलग से कोई प्रावधान नहीं किया गया है। रूटिन वाले शिक्षकों से ही इन स्कूल के बच्चों की पढ़ाई करवाई जा रही है।

– एचएन नेमा, डीईओ, विदिशा

 

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