scriptपाताल में पहुंचा पानी, 20 दिन में आई दो मीटर गिरावट | Hell deliver water, in 20 days I dropped two meters | Patrika News
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पाताल में पहुंचा पानी, 20 दिन में आई दो मीटर गिरावट

भीषण
गर्मी के बीच जिले में भू-जलस्तर तेजी से नीचे जा रहा है जिससे हैंडपंप बंद होने
लगे हैं

विदिशाJun 01, 2015 / 11:45 pm

शंकर शर्मा

Vidisha photo

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विदिशा। भीषण गर्मी के बीच जिले में भू-जलस्तर तेजी से नीचे जा रहा है। जिससे हैंडपंप बंद होने लगे हैं। जिले में पानी अब तक 28 मीटर नीचे पहुंच चुका है। इसमें 20 दिनों के बीच दो मीटर गिरावट आई है। भू-जलस्तर गिरने से गांव समेत जिला मुख्यालय की विभिन्न बस्तियों में पानी का संकट गहरा गया है।

मालूम हो कि पिछले साल की बजाय इस साल अधिक गर्मी पड़ने के कारण भू-जलस्तर ज्यादा प्रभावित हुआ है। पीएचई विभाग के अनुसार 20 दिन पहले तक भू-जलस्तर 26 मीटर नीचे था, जो अब दो मीटर और नीचे चला गया। इस तरह जिले का भू-जलस्तर 28 मीटर पहुंच गया है। इससे जिले में 234 हैंडपंप बंद हो गए हैं। इनमें 176 हैंडपंप पहले ही बंद हो चुके थे एवं कुछ दिनों के बीच 58 हैंडपंप और बंद हो गए। इनमें बमुश्किल थोड़ा सा पानी आ पाता है। इसी तरह कई गांवों की नल-जल योजनाएं बंद हो गई हैं।

शहर में 16 हैंडपंप बंद

इधर विदिशा शहर में भी पानी का संकट गहरा गया है। नपा के अनुसार शहर में कुल 560 हैंडपंप हैं। इनमें 16 हैंडपंप स्थायी रूप से बंद हो चुके। पिछले कुछ दिनों के बीच हैंडपंप बंद होने की शिकायतें बढ़ गई हैं। शहर के विभिन्न वार्डो से हैंडपंप संबंधी करीब एक दर्जन शिकायतें हर दिन नगरपालिका को मिल रही हैं। नपा के जलप्रभारी वायएस भदौरिया ने बताया कि हैंडपंपों के सुधार के लिए दो दल बनाए गए हैं। इनके जरिए हर दिन आने वाली शिकायतों का निराकरण करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि भू-जलस्तर गिरने से कई हैंडपंप रूक-रूक कर चलने लगे हैं।

जलवितरण पाइंट बढ़े

भीषण गर्मी के बीच शहर में टैंकर से पानी वितरण के पाइंट दोगुने से अधिक करने पड़े हैं। विभिन्न वार्डो में एक माह पूर्व कुल 43 पाइंट पर टैंकर से पानी वितरण शुरू किया गया था। इन क्षेत्रों में भू-जलस्तर घटने एवं कई हैंडपंप बंद होने से पानी की मांग बढ़ गई। जिससे अब 95 पाइंटों पर टैंकर भेजना पड़ रहे हंै। करैयाखेड़ा मार्ग, पूरनपुरा, बंटीनगर, मोहनगिरि, राघवजी कालोनी, जतरापुरा, लालधाऊ, सुभाषनगर आदि क्षेत्र जलसंकट से ज्यादा प्रभावित हैं।

निजी बोर सूखे

शहर के विभिन्न क्षेत्रों में निजी बोर भी बंद होने लगे हैं। व्यापार महासंघ के महामंत्री घनश्याम बंसल के मुताबिक रीठाफाटक स्थित व्यापार भवन का बोर सूख गया। इसी तरह आठ दिन पूर्व माधवगंज स्थित अग्रवाल धर्मशाला के बोर ने पानी देना बंद कर दिया। नंदवाना स्थित मारवाड़ी अग्रवाल पंचायत भवन का कुआ भी पूरी तरह सूख गया है। मुख्य मार्ग के आसपास भी कई भवनों के बोर सूख चुके हैं। उन्होंने बताया कि गर्मी का रूख यही रहा तो जलसंकट की गंभीर समस्या उत्पन्न हो जाएगी।

हलाली से लिया पानी

नपा के अनुसार जलसंकट के कारण इस बार फिर हलाली बांध से पानी लेना पड़ा है। पिछले साल बेतवा में पर्याप्त पानी होने से नपा को हलाली बांध से पानी नहीं लेना पड़ा था। जबकि इस साल 22 से 28 मई तक नपा ने हलाली बांध से करीब 20 मिलियन घन फीट पानी लिया है। इससे डेढ़ माह तक शहर में पेयजल की व्यवस्था हो सकेगी।
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