scriptहोइहे वही जो राम रचि राखा….122 वर्ष में पहली बार दर्शक विहीन रामलीला | Hoihe wahi jo ram rachi rakha.... | Patrika News
विदिशा

होइहे वही जो राम रचि राखा….122 वर्ष में पहली बार दर्शक विहीन रामलीला

दर्शकों को रोका, लेकिन राम की लीला को नहीं रोक सका कोरोना संक्रमण

विदिशाJan 19, 2022 / 09:22 pm

govind saxena

होइहे वही जो राम रचि राखा....122 वर्ष में पहली बार दर्शक विहीन रामलीला

होइहे वही जो राम रचि राखा….122 वर्ष में पहली बार दर्शक विहीन रामलीला

विदिशा. रामचरित मानस लिखते हुए गोस्वमी तुलसीदास जी ने एक चौपाई में साफ लिखा है कि होइहे वही जो राम रचि राखा, को करि तरक बढ़ावही साखा…। विदिशा की ऐतिहासिक रामलीला में भी यह बात पूरी तरह खरी साबित हो रही है। राम की लीला, ऐसी वैसी नहीं, पूरे 122 वर्ष पुरानी, मंच पर नहीं चलित और पूरे परिसर, नगर, सडक़ों में होने वाली रामलीला। हर मायने में अनूठी रामलीला। लेकिन यह इस रामलीला के इतिहास में पहला मौका है जब रामलीला तो अपने पूरे जोश के साथ हो रही है, लेकिन उसने देखने कोई दर्शनार्थी रामलीला परिसर में नहीं है। खाली पड़े रामलीला परिसर के स्टेडियम की सीढिय़ां, दर्शनार्थियों का कोलाहल, जयश्री राम के उद्घोष और पीछे खेल तमाशों और झूलों की मस्ती के बिना रामलीला समिति के ही सदस्य और चंद लोग ही मिलकर राम की इस लीला को ऐतिहासिक और सतत बनाए रखने के लिए रस्म अदायगी कर रहे हैं। लेकिन किरदार, साज सज्जा, तामझाम, संवाद, नियम और कायदों में कहीं कोई कोर कसर नहीं, क्योंकि समिति से जुड़े हर सदस्य का मानना यही कि राम की लीला है,्र जैसा वह और हनुमानजी महाराज कराएंगे सब वैसा ही होगा। आज बंदिशें हैं तो क्या हुआ, राम की मर्जी होगी तो कल फिर वही आनंद बरसेगा और हजारों दर्शनार्थी परिसर में आकर रामलीला के आगे के वर्षों को और ऐतिहासिक बनाएंगे।

आनंद से भरे दर्शकों के जयघोष की कमी खल रही
रामलीला से करीब 60 साल से सक्रिय रूप से जुड़े पूर्व मानसेवी सचिव सुरेश शर्मा शास्त्री कहते हैं कि मेरी उम्र 77 वर्ष है और 60-65 साल से मैं रामलीला में सक्रिय हूं, लेकिन यह पहला मौका है जब दर्शकों से पूरी तरह विहीन परिसर में रामलीला हो रही है। शर्मा का कहना है कि रामलीला अपने पूरे नियम कायदों से और पूरी लीलाओं के साथ हो रही है, लेकिन दर्शकों की कमी तो फिर भी खलती है। भले ही मैच भारत-पाकिस्तान का और विश्वकप का हो। लेकिन जब तक स्टेडियम में दर्शकों का कोलाहल न हो तो मैच का रोमांच कहां दिखता है। उसी तरह राम की इस ऐतिहासिक लीला में जब तक दर्शकों के बीच से उठती जयश्री राम की गूंज न हो तो रामलीला का आनंद कहां बरसता है। पिछले साल भी कोरोना संक्रमण था, लेकिन दर्शक फिर भी खूब आए। लेकिन इस बार तो सबको पता है कि दर्शकों को प्रवेश नही है इसलिए कोइ्र्र नहीं पहुंच रहा। समिति सदस्य और उनके परिजनों की मौजूदगी में ही हो रही है रामलीला।

कोरोना गाइडलाइन का पूरा पालन
रामलीला मेला समिति के मानसेवी सचिव राजीव शर्मा का कहना है कि रामलीला मेले का ऐतिहासिक 122 वां वर्ष वाकई निराशाजनक कहा जाएगा। कोरोना गाइडलाइन को लेकर सरकार की मंशा और जनहित को देखते हुए मेला न लगाने का निर्णय था, इसका पालन किया जा रहा है। रामलीला तो सतत है, कभी न रुकी है और न कभी रुकेगी। उसका पूरा दर्शन हो रहा है। संकट काल है इसलिए दर्शक नही हैं, लाइव प्रसारण के जरिए रामलीला दर्शन कराने का प्रयास हो रहा है। रामजी ने चाहा तो अगले वर्ष दोगुने उत्साह से होगा रामलीला दर्शन।
पाकिस्तान सहित 20 देशों में हमारी रामलीला
विदिशा की रामलीला का इस बार भी लाइव प्रसारण किया जा रहा है। यह प्रसारण रामलीला समिति की वेबसाइट पर दुनियां के 20 देशों में देखा जा रहा है। यहां तक कि पाकिस्तान के लाहौर शहर में भी विदिशा की रामलीला देखी जा रही है। वेबसाइट इंजीनियर बलराम साहू ने बताया कि भारत सहित इंडोनेशिया, यूनाइटेड स्टेट, हांगकांग, जर्मनी, कनाडा, आयरलेंड, फ्रांस, स्वीडन, सिंगापुर, उक्रेन, जापान, यूनाइटेड अरब अमीरात, बेल्जियम, ब्राजील, नेपाल और पाकिस्तान सहित करीब 20 देशों में विदिशा की ऐतिहासिक रामलीला देखी जा रही है।

Home / Vidisha / होइहे वही जो राम रचि राखा….122 वर्ष में पहली बार दर्शक विहीन रामलीला

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो