ऐसा अस्पताल इंदौर, भोपाल में भी नहीं
सिंधिया ने कहा कि आज मैंने अपने पिता के नाम से बने जिला अस्पताल का निरीक्षण किया। इतना भव्य अस्पताल मैंने इंदौर, भोपाल और ग्वालियर में नहीं देखा। एसएनसीयू में देखा कि दिल्ली के निजी अस्पतालों में भी ऐसे उपकरण नहीं होंगे, जैसे यहां हैं। यह एक राष्ट्रीय स्तर का अस्पताल हमने विदिशा को दिया है।
राजमाता ने रखा था मेरा नाम- शशांक
विधायक शशांक भार्गव ने कहा कि मेरा सौभाग्य है कि मेरा नामकरण खुद राजमाता विजयाराजे सिंधिया ने किया था। मुझे बचपन में शिशु कहते थे, लेकिन राजमाता ने मुझे शशांक नाम दिया। उन्होंने खुद को शबरी और ङ्क्षसधिया को राम निरुपित करते हुए कहा कि आज मुझे खुशी है कि शबरी को बेर खिलाने का मौका मिला है। कार्यक्रम को स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट और जिला कांग्रेस अध्यक्ष शैलेन्द्र सिंह रघुवंशी ने भी संबोधित किया। संचालन आशीष माहेश्वरी ने किया।
लोगों से मिलने उनके घर पहुंचे सिंधिया
यह पहला मौका था जब ज्योतिरादित्य अपने समर्थकों के घरों भी पहुंचे। वे अपने दौरे के बीच विधायक भार्गव, शैलेन्द्र भदौरिया, संजय सिंह रघुवंशी और ह्दयमोहन जैन के निवास पर पहुंचे। समर्थकों ने उनका जोरदार स्वागत किया। आतिशबाजी की गई, सड़कों पर फूल बिछाए गए और खूब नारे लगे।
सीएम की मनाही के बावजूद होर्डिंग्स से पटा रहा शहर
सीएम कमलनाथ ने मंत्रियों और नेताओं को होर्र्डिग्स की राजनीति से दूर रहने और बचने के लिए कहा था, लेकिन आज विदिशा में उसके ठीक उलट हुआ। सिंधिया के आगमन पर उनके समर्थकों ने पूरे शहर को जैसे होर्डिंग्स, फ्लैक्स से ेपाट दिया था। अस्प्ताल परिसर, ऑडिटोरियम, मुख्य मार्ग, चौराहे और ओवर ब्रिज भी सिंधिया के स्वागत के फ्लैक्स से पटे हुए थे।
तीन मंत्री और पांच विधायक समारोह में
विदिशा में आयोजित सिंधिया के इस समारोह में स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट, खाद्य मंत्री प्रद्युम्न सिंह और शिक्षा मंत्री प्रभुराम चौधरी के साथ ही विदिशा विधायक के साथ ही अशोकनगर, मुरैना, अम्बाह और दिमनी के विधायक भी शामिल हुए। जिले से संबंधित सभी पूर्व मंंत्री, पूर्व विधायक मंच पर थे, लेकिन बासौदा विधायक नहीं आए।