इस दौरान सीएमएचओ डॉ. केएस अहिरवार ने बताया कि उक्त प्रशिक्षण में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, सिविल अस्पताल तथा जिला चिकित्सालय के डॉक्टर्स एवं लैब टेक्निशियन को मेडीकल कॉलेज के विशेषज्ञ डॉ. संजीव किरार, डॉ. सचिन मिश्रा के द्वारा प्रशिक्षित किया गया।
इस दौरान बताया गया कि कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज का सेम्पल कैसे लेना है। लेने से पहले क्या तैयारी करनी है ताकि संक्रमण होने से स्वंय बचे और दूसरे भी सुरक्षित रहें इत्यादि की जानकारी दी गई। जिसमें बताया गया कि संक्रमण तीन तरीके से फैल सकता है उनमें डायरेक्ट सम्पर्क से तथा ड्रापलेट एवं एयरसोल शामिल है। इनमें कोरोना वायरस ड्रापलेट इन्फेक्शन द्वारा फैलता है अत: संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छीकने से उसके मुंह से हवा के साथ-साथ छोटे-छोटे कणों के द्वारा वायरस निकलता है अगर दूरी कम से कम एक मीटर की हो तो वायरस इसे पार नहीं कर पाता। छींकने एवं खांसने से जो कण किसी वस्तु पर गिरते हं,ै तो वो जब हमारे या उन वस्तुओं के सम्पर्क में आते है तो हमें हाथो को सेनेटाइजर या साबुन से अच्छी तरह साफ करना होगा।
जब संक्रमित व्यक्ति का सेम्पल लेना है तो पांच बार हाथों को साफ करना, पेशेन्ट को छूने के पूर्व और छूने के बाद प्रक्रिया के पूर्व प्रक्रिया के पश्चात् वातावरण को टच करने के पश्चात् जैसे केशशीट, टैबिल, चादर आदि के पश्चात् एल्कोहल से हेण्डड्राप कर रहे हंै तो एल्कोल 60 से 80 प्रतिशत होना चाहिए। यदि साबुन पानी से हाथो की सफाई करना है तो छह चरणो में प्रक्रिया को पूर्ण करना होगा जो लगभग 20 सेकेण्ड तक जरूरी है। अस्पतालो में भर्ती मरीजो के बीच कम से कम एक मीटर की दूरी जरूरी है।