पूर्व नपाध्यक्ष मुकेश टंडन ने आरएमपी नगर के इस नवाचार को बहुत महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि पौधों का जन्मदिन मनाने की यह पहल शायद देश में पहली है। यह पहल पर्यावरण के लिए मिसाल बनेगी और अब हम जहां भी जाएंगे वहां आरएमपी नगर में हुए इस पौधों के जन्मदिन की मिसाल देते हुए बताएंगे कि किस तरह पौधों को रोपकर उन्हें सहेजा और बड़ा कर उनके बड़े होने का भी उत्सव मनाया जा सकता है।
बेतवा उतान समिति के अध्यक्ष ने पौधों के जन्मदिन समारोह में कहा कि आरएमपी नगर से शुुरू हुए पौधों के जन्मदिन मनाने की ये गूंज जिले और पूरे प्रदेश में पहुंचेगी। यह संदेश बहुत महत्वपूर्ण है कि पौधों को लगाने के साथ ही उनकी परवरिश भी पूरी शिद्दत से करते हुए बच्चों की तरह उनका जन्मदिन भी मनाया जाना चाहिए। इस मौके पर समाजसेवी सीएल गोयल, बेतवा उत्थान समिति के डायरेक्टर हितेंद्र रघुवंशी, सुशील अग्रवाल आदि ने भी नवाचार की सराहना की।
डिप्टी रेंजर इस्माइल खां ने आरएमपी नगर में पौधों के जन्मदिन मनाने की परंपरा शुरू होने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि यह बहुत ही उम्दा और पर्यावरण के प्रति लोगों को प्रोत्साहित करने का आयोजन है। एक साल तक शत प्रतिशत पौधों को जीवित रखना और उनकी बेहतरीन वृद्धि के गवाह बनने का यह आयोजन बहुत प्रभावित करता है। डिप्टी रेंजर ने कहा कि मैंने अपने ३७ वर्ष की सेवाकाल में ऐसा नवाचार नहीं देखा।
पौधों की पहली वर्षगांठ पर अतिथियों द्वारा उपहार में भी पौधे प्रदान किए गए। इन पौधों को आरएमपी नगर वासियों ने कोरोनाकाल में अपनी कॉलोनी के दिवंगत साथियों की याद में रोपते हुए उनकी स्मृति को चिरस्थाई बनाने का संकल्प लिया। दिवंगत राकेश गावड़े और बृजेश श्रीवास्तव की स्मृति में ये पौधे अतिथियों और कॉलोनीवासियों के साथ ही नितिन गावड़े, शिवानी और देवांशी गावड़े ने रोपे। साहित्यकार राजेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने आभार प्रदर्शित किया।