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विदिशा

बस अब और नहीं, किसानों का टूटने लगा सब्र

गांव-गांव में बैठकें, मंगलवार को कलेक्ट्रेट के घेराव की तैयारी

विदिशाMay 16, 2022 / 12:39 am

Bhupendra malviya

बस अब और नहीं, किसानों का टूटने लगा सब्र

बस अब और नहीं, किसानों का टूटने लगा सब्र

विदिशा। किसानों को पर्याप्त बिजली नहीं, शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण योजना का लाभ नहीं, अनाज विक्रय का समय पर भुगतान नहीं, भटकाव और इंतजार किसानों का यह दर्द अब सब्र से बाहर होने लगा है। बढ़ती नाराजी अब किसानों को संगठित करने लगी है और एक बड़े आंदोलन की तैयारी में किसान नेता जुट गए हैं। एक दिन पूर्व ही शाम को एक बैठक दयानंदपुर में हुई है और इस बैठक के बाद अब किसान नेताओं का गांव-गांव पहुंचना, बैठकें करने का दौर शुरू हो गया है मंगलवार को यह किसान जिला मुख्यालय पर एकत्रित होंगे एवं कलेक्ट्रेट पहुंचकर कलेक्ट्रेट का घेराव किया जाएगा।

राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के संभागीय उपाध्यक्ष लाखनसिंह मीणा ने बताया कि दयानंदपुर में हुई इस बैठक में बड़ी संख्या में किसान एकत्रित हुए इससे यह बात साफ हो गई कि हर किसान कहीं न कहीं तकलीफ में है और इस तकलीफ के लिए किसान हर स्तर पर आंदोलन के लिए मन बना चुके हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में भले ही किसान की आय दोगुनी करने की बात कहीं जाती रही हो। शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण देने की बात हो पर सही मायने में यह दोनों ही बातें किसान केे साथ छलावा है। किसान नेताओं का कहना है कि महंगाई केे कारण फसल की लागत बढ़ गई लेकिन उसे फसल का
उचित दाम नहीं मिल पा रहा। अनाज खरीदी का पैसा शून्य प्रतिशत ऋण योजना की ड्यू डेट के बाद दिया गया और अब किसान से ब्याज सहित पूरा ऋण वसूला जा रहा है। किसान के कर्ज की आधी रा शि भुगतान में काटी जा रही लेकिन कर्ज चुकाने के लिए पूरी रा शि मय ब्याज के मांगी जा रही। समर्थन मूल्य पर किसानों का अनाज तुलवा लिया लेकिन उसे भुगतान अलग-अलग खातों में हो रहा और वह भुगतान के लिए भटक रहा है। किसानों को बिजली पर्याप्त नहीं मिल रही आदि समस्याओं के बीच किसान की तकलीफ बढ़ रही और यह आक्रोश अब सड़क पर आने को आतुर है।

करीब दर्जन भर गांव के किसान हुए शामिल

मिली जानकारी के अनुसार इस बैठक में करीब एक दर्जन गांव के किसान शामिल हुए और आंदोलन की रणनीति बनाई गई है। इसमें ग्राम करैयाहाट के लाखनसिंह बघेल,शैलेंद्रसिंह, भवानीसिंह , चंद्रमोहन बघेल, सईखेड़ी के बलवीरसिह यादव, खमतला के जितेंद्र चौबे, रामनाथ राजपूत, पिपरियामोटा केे कमलसिंह मीणा, गजराजसिंह, बिलौरी के फूलसिंह लोधी, बागोद के राजा शर्मा, प्रदीप सेन,खामखेड़ा के भारतसिंह, गंगरबाड़ा के प्रदीपसिंह बघेल आदि कई गांव के किसान मौजूद रहे और फसल की बोवनी से लेकर कटाई तक किसानों के सामने आने वाली समस्या और फिर अनाज बेचने और भुगतान पाने तक की सारी मु श्किलों पर विस्तार से चर्चा हुई और बढ़ती समस्या पर अपना आक्रोश जताया।

किसानों को एकजुट करने अब गांव-गांव के दौरे

किसानों के मुताबिक दयानंदपुर में हुई बैठक में सभी मुद्दों पर चर्चा कर आंदोलन की रणनीति तैयार की गई जिसके तहत किसानों की समस्याओं को लेकर संगठन के पदा धिकारी गांव-गांव पहुंच रहे हैं और बैठकें कर किसानों की समस्याओं को सुना जा रहा है। शनिवार को यह किसान नेता ग्राम खामखेड़ा लोधाखेड़ी, गंगरबाड़ा, सलईखेड़ी आदि गांव में पहुंचे और किसानों की समस्याओं को सुना। गांवों का यह भ्रमण सोमवार तक चलेगा और मंगलवार को सभी किसान जिला मुख्यालय पर एकत्रित होंगे। जहां मीणा धर्मशाला में बड़ी बैठक होगी और यहां से सभी किसान रैली के रूप में कलेक्ट्रेट पहुचेंगे जहां प्रदर्शन, नारेबाजी और कलेक्ट्रेट का घेराव आंदोलन किया जाएगा।
राहुल राज भी हाेंगे शामिल
उन्होंने बताया कि इस प्रदर्शन में संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष राहुल राज भी शामिल रहेंगे और उनके नेतृत्व में किसान प्रशासन के समक्ष अपनी समस्याओं को बिंदुवार रखेंगे । किसानों की मुश्किलें आसान हो, उन्हें पर्याप्त बिजली, समय पर अनाज विक्रय का भुगतान व शून्य प्रतिशत ब्याज राशि का लाभ मिले व अन्य प्रमुख मांगों का ज्ञापन मुख्यमंत्री के नाम जिला प्रशासन को सौंपा जाएगा।
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