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विदिशा

कल को पीछे छोड़ तरक्की की राह पर बढ़ा हतौड़ा

गांव के पांव …

विदिशाOct 27, 2020 / 08:09 pm

govind saxena

कल को पीछे छोड़ तरक्की की राह पर बढ़ा हतौड़ा

कल को पीछे छोड़ तरक्की की राह पर बढ़ा हतौड़ा

ग्राम- हतौड़ा
पंचायत- हतौड़ा
तहसील-गंजबासौदा(जिला विदिशा)
आबादी- 2500

छोड़ो कल की बातें, कल की बात पुरानी, नए दौर में लिख देंगे मिलकर नई कहानी…। इस पुराने गीत को चरितार्थ किया है जिला मुख्यालय विदिशा से 50 किमी और गंजबासौदा से मात्र 3 किमी दूर ग्राम हतौड़ा अपने अतीत को भूलकर तरक् की की नई राह पर चल पड़ा है। ग्रामीणों ने जागरुकता का परिचय दे अपने गांव पर लगा दाग धो दिया है और वे अब नई मंडी तथा पत्थर व्यवसाय सहित अन्य रोजगारों में लगकर अपनी अगली पीढिय़ों का बेहतर भविष्य गढऩे में लग गए हैं। गांव में अब अच्छा स्कूल, उपस्वास्थ्य केंद्र, आंगनबाड़ी केंद्र, अच्छी सड़कें और आवागमन के पर्याप्त साधन हैं। जिस गांव में कभी लोग बसना नहीं चाहते थे अब वहां जमीनों के दाम आसमान छू रहे हैं।
आवागमन के लिए मुफीद गांव
गंजबासौदा से लगा हुआ और मुख्य मार्ग पर होने के कारण हतौड़ा गांव बासौदा से बरेठ, उदयपुर, मंडीबामोरा, कुरवाई आदि जगहों पर पहुंचाना आसान है। सीधा अच्छा और डामरीकृत मार्ग है। बसों का निरंतर चलते रहना भी आवागमन को आसान बनाता है।
कृषि मंडी से बढ़ गई रौनक
ग्रामीण बताते हैं कि हतौड़ा की पहचान अब नजदीक आई कृषि उपज मंडी से होने लगी है। इसके साथ ही अब गांव की रौनक, आवाजाही, रोजगार और गांव की दुकानें भी कृषि मंडी में आने वाले किसानों की वजह से चल पड़ी हैं। पहले की तुलना में काफी अंतर आया है। तरक्की दिखने लगी है।
गांव की जमीनें हुई खूब मंहगी
कृषि उपज मंडी यहां शिफ्ट होने और पास ही कंजना पठार पर औद्योगिक क्षेत्र विकसित होते जाने से हतौड़ा की जमीनों के दाम भी आसमान छूने लगे हैं। ग्रामीण बताते हैं कि मुख्य सड़क के पास वाली जमीनें तो अब खरीदना भी आसान नहीं है। करोड़ों की खरीद-फरोख्त हो रही है। वहीं अंदर की जमीनों के दामों में भी इजाफा हुआ है।
मंडी, पत्थर और खेती है रोजगार
ग्रामीण बताते हैं कि नई मंडी यहां आने से काफी राहत है। रोजगार के अवसर बढ़े हैं। मजदूर वर्ग ही यहां ज्यादा है। गांव के कई लोगों को मंडी में ही काम मिलने लगा है। जबकि कुछ लोग पत्थर खदानों और पत्थर पीठे पर काम करने जाते हैं। इसके अलावा गांव में सोयाबीन, चना और गेंहू की खेती होती है।

गांव की ताकत…
1. अनाज मंडी आने से रोजगार के अवसर बढ़े।
2. मुख्य मार्ग पर होने से आवागमन में परेशानी नहीं।
3. मिडिल स्कूल तक पढ़ाई के इंतजाम हैं।
4. तहसील मुख्यालय से नजदीकी बहुत सुविधाजनक है।

गांव की कमजोरी…
1. मजदूर वर्ग ही ज्यादा है।
2. हाईस्कूल बनना जरूरी है।
3. सिंचाई के साधन नहीं है।
4. नल जल योजना का अभाव है।

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