व्यापार महासंघ के महामंत्री चेतन बलेचा ने बताया कि रविवार को व्यापार भवन में आयोजित इस बैठक में कंज्यूमर प्रोडक्ट्स डिस्ट्रीब्यूटर एसोसिएशन, भारतीय उद्योग व्यापार मंडल, चैम्बर ऑफ कॉमर्स एवं कॉम्फिस्ट के पदाधिकारियों को भी विशेष रूप से बुलाया गया था।
बैठक में महासंघ के अध्यक्ष मुन्नाभैया जैन ने कहा कि सभी संगठन अपने-अपने स्तर पर मल्टीनेशनल कंपनियों और ऑन लाइन व्यापार के खिलाफ लड़ते रहे हेँ, लेकिन अब वक्त एकजुट होकर लडऩे का है। व्यापारी वर्ग का कोई भी हिस्सा अब ऑनलाइन व्यापार की मार से नहीं बचा है। यह लड़ाई मुश्किल और लम्बी होगी, लेकिन हम सब साथ में लड़ेंगे और जीतेंगे।
भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेशाध्यक्ष राजेश जैन ने कहा कि मल्टीनेशनल कंपनी और ऑनलाइन कंपनी विदिशों के व्यापार मॉडल हैं, यह व्यवस्था भारत जैसे देशों के लिए सही नहीं है। कंज्यूमर प्रोडक्ट्स डिस्ट्रीब्यूटर एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश मोतियानी ने कहा कि मल्टीनेशनल कंपनियां आज किसी भी तरीके से पूरे बाजार पर अपना कब्जा करना चाह रही हैं। यह हमारे अस्तित्व की लड़ाई है। ऑटोमोबाइल एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज कटारे ने कहा कि ऑन लाइन व्यापार धीरे-धीरे हर क्षेत्र को प्रभावित कर रहा है।
व्यापारियों के इस आंदोलन में सिर्फ व्यापारी संगठनों को ही नहीं बल्कि राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को भी मंच पर बुलाया जाना चाहिए। चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स के जिलाध्यक्ष रवि तलरेजा ने कहा कि हम इस आंदोलन में विदिशा व्यापार महासंघ के साथ पूरी शिद्दत से लडऩे को तैयार हैं।
अनाज तिलहन व्यापार संघ अध्यक्ष राधेश्याम माहेश्वरी ने व्यापारियों के इस संघर्ष में आम जनता को भी जोडऩे पर जोर दिया। महासंघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजीव पीतलिया, पान मसाला संघ के अध्यक्ष नीरज चौरसिया, मेडिकल एसोसिएशन के सचिव गौरव चौधरी ने भी संबोधित किया। बैठक में अनेक व्यापारी प्रतिनिधि मौजूद रहे।