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विदिशा

फसलों के लिए बूस्टर डोज का काम करेगी मावठ की बारिश

जिले में 24 घंटे में 21 मिमी औसत बारिश

विदिशाJan 07, 2022 / 09:39 pm

govind saxena

फसलों के लिए बूस्टर डोज का काम करेगी मावठ की बारिश

फसलों के लिए बूस्टर डोज का काम करेगी मावठ की बारिश

विदिशा. जिले में बुधवार की रात से शुरू हुआ बारिश का दौर कहीं-कहीं गुरुवार तो कहीं शुक्रवार को भी जारी रहा। इस दौरान बुधवार-गुरुवार के 24 घंटे में जिलें में औसत 21 मिमी बारिश दर्ज हुई, जिसमें से सबसे ज्यादा 32 मिमी बारिश पठारी तहसील में रिकार्ड की गई। इस बारिश ने जहां खेतों में पल रही फसलों को तेजी से बढऩे के लिए बूस्टर का काम किया तो वहीं मंडियों में अपना अनाज बेंचने आए किसानों और मंडी में पहले से रखे अनाज के लिए संकट का काम किया।
विदिशा में रात करीब 2.30 बजे से बारिश का दौर शुरू हुआ जो सुबह 10.30 बजे तक जारी रहा। इसके बाद भी दिन भर बादलों का डेरा रहा। बीच बीच में कुछ पलों के लिए धूप की चमक दिखाई दी। रात को हुई अच्छी बारिश के कारण सुबह से शहर की सडक़ों की हालत खराब हो गई। जगह-जगह पानी भर गया और खासकर कई सडक़ों पर नालों की पूरी कीचड़ आकर लोगों के लिए मुसीबत बन गई। मुख्य बाजार में भी कई दुकानदारों की दुकान के सामने नाले की गंदगी आ जमी जिससे दुकानदार और ग्राहकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। वहीं सिविल लाइन में रोजाना फुटपाथ पर दुकानें लगाकर कंबल आदि बेंचने वालों को भी अपना सामान बचाना मुश्किल हो गया। किसी तरह पॉलीथिन और तिरपाल लगाकर उन्होंने अपने सामान को सहेजा। मिर्जापुर की अनाज मंडी में गुरूवार को किसानों के चक्काजाम के बावजूद करीब 100 ट्रालियों की नीलामी रह गई थी, ऐसे में किसान मंडी परिसर में ही अपनी उपज लेकर डेरा डाले थे। लेकिन रात से हुई तेज बारिश से उनको अपने अनाज और खुद को बचाना मुश्किल हो गया। वे शेड में पानी से बचने के लिए खड़े रहे और पॉलीथिनों से किसी तरह धान और अनाज बचाया। वहीं मंडी परिसर में पहले से लगे अनाज के ढेरों को ढंककर बचाने का फिर असफल सा प्रयास किया गया, लेकिन जगह जगह से झांक रहे बोरों का अनाज बारिश से नहीं बच पाया और काफी नुकसान हुआ है।
उधर खेतों में बढ़ रही चना, गेंहू, सरसों सभी तरह की फसलों को यह बारिश काफी फायदेमंद बताई गई है। किसानों का कहना है कि इस समय पानी की बहुत जरूरत थी, लेकिन किसान सिंचाई करते इसके पहले ही कुदरत ने पर्याप्त पानी बरसाकर खेतों में बढ़़ रही फसलों को खूब लाभ दिया है। इस बारिश से अब उत्पादन बढऩे की उम्मीद भी बढ़ गई है। वहीं लटेरी-सिरोंज के ओलापीडि़त क्षेत्रोंं में नुकसानी का सर्वे भी शुरू हो गया है।

कहां कितनी हुई बारिश
शमशाबाद- 19 मिमी
ग्यारसपुर- 29 मिमी
्रगुलाबगंज-13 मिमी
पठारी- 32 मिमी
बासौदा- 18.4 मिमी
सिरोंज- 12 मिमी
लटेरी- 18 मिमी
विदिशा- 27 मिमी
कुरवाई- 13 मिमी
जिले में औसम- 21 मिमी

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