विदिशा

Devi Ka Bag: विदिशा के इस मंदिर में श्रद्धालु क्यों चढ़ाते हैं पीतल की घंटी, दिलचस्प है कारण

devi ka bag – देवी के बाग में श्रद्धालु मनोकामना पूरी होने पर चढ़ाते हैं घंटी

विदिशाApr 13, 2024 / 09:09 am

Manish Gite

devi ka bag durga mandir- विदिशा में मां दुर्गा के सभी रूपों के मंदिर स्थापित हैं। इन्हीं में से एक है देवी के बाग की दुर्गा माता। जहां मनोकामना पूरी होने पर श्रद्धालु घंटी चढ़ाते हैं। ऐसा माना जाता है कि पानीपत के युद्ध के लिए जाते समय मराठा सेना नाना साहब पेशवा के नेतृत्व में पुणे से चलकर सीहोर होते हुए विदिशा पहुंची, तब बेतवा नदी के किनारे खुले मैदान में, जिसे हम आज नाना का बाग कहते हैं, वहां छावनी बनाई थी। उनके साथ लगभग 50 हजार की फौज थी। करीब एक महीने तक यहां फौज ने अपना डेरा डाला था। इस छावनी का विस्तार वर्तमान में देवी के बाग तक हो गया था। उस समय में नाना के बाग में सैनिकों के उपयोग के लिए एक बावड़ी का निर्माण किया गया। सैनिकों के पूजन के लिए एक देवी प्रतिमा की स्थापना की गई। जिस जगह ये प्रतिमा प्रतिष्ठित की गई, वह स्थान देवी का बाग कहलाया। अब जिनकी यहां मनोकामना पूरी होती हैं, वे घंटी चढ़ाने आते हैं। दूर-दूर तक इनकी ख्याति फैली हुई है। नवरात्र में विदिशा के अलावा भी अन्य दूसरी जगहों से श्रद्धालु पूजन पाठ करने यहां आ रहे है।

 

देवी के बाग में एक खुले स्थान पर देवी मां विराजित हैं। बताते हैं कि कई बार लोगों ने पक्का मंदिर बनाने की कोशिश की, लेकिन पूर्ण रूप से सफल नहीं हुए। यहां सैनिकों की तात्कालिक जरूरत के हिसाब से देवी मां प्रतिष्ठित हुई थीं, उन्हें यहां स्थायी रूप से व्यवस्था नहीं चाहिए। इस कारण देवी के बाग की देवी आज भी उसी रूप में विराजमान हैं। देवी के बाग के पास एक संन्यासी बाबा की समाधि भी स्थित है।

Home / Vidisha / Devi Ka Bag: विदिशा के इस मंदिर में श्रद्धालु क्यों चढ़ाते हैं पीतल की घंटी, दिलचस्प है कारण

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.