मंडी में इस बार 15 दिन देरी से सोयाबीन की आवक हुई है। व्यापारियों के मुताबिक पूर्ववर्षों में इस समय मंडी परिसर ट्रैक्टर-ट्रॉलियों से भरा जाता था और परिसर में स्थानाभाव के बीच मंडी के गेट बंद करने की नौबत बनती थी। अनाज व्यापारियों ने बताया कि नया सोयाबीन में नमी है। कंपनियां इस नमी के प्रतिशत को काटकर राशि का भुगतान करती है। इसलिए नए सोयाबीन के दाम अभी कम है, लेकिन आगामी आठ दिनों में सोयाबीन की आवक भी बढ़ेगी। व्यापारियों के मुताबिक अभी किसान फसल की कटाई का कार्य करा रहे हैं। मंडी में फसल को अच्छे दाम मिल सके इसलिए सोयाबीन को सुखा रहे हैं। करीब एक हफ्ते बाद मंडी में यह आवक और अधिक बढ़ेगी एवं दाम में भी सुधार आएगा।
मंडी में नया सोयाबीन लेकर आए ग्राम कोलिंजा के किसान बलवीर रघुवंशी का कहना है कि 12 बीघा में सोयाबीन फसल थी। इसमें सिर्फ 5 क्ंिवटल पैदावार हुई। जबकि 12 बीघा में कम से कम 30 क्ंिवटल सोयाबीन आना था। वहीं ग्राम मदनखेड़ी के मुकेश दांगी, ग्राम मदनखेड़ी के रघुराजसिंह दांगी, पडऱात के किसान बंटी दांगी आदि का भी यही कहना रहा कि लगातार बारिश के कारण सोयाबीन फसल उम्मीद से बहुत कम हुई। लागत अधिक लग गई जबकि पैदावार बहुत कम हुई है। वहीं मंडी में अब दाम भी कम मिल रहे हैं। वहीं ग्राम बेस के किसान चंद्रमोहन गूजर के मुताबिक 14 बीघा में 25 बोरा सोयाबीन हुआ जबकि 40 बोरा होना था। उसका सोयाबीन 3374 के दाम खरीदा गया। किसान का कहना है कि नया सोयाबीन है जो भाव मिल गया उसी में तसल्ली करना पड़ेगा।
-कमल बगवैया, सचिव मंडी समिति