scriptअब सरकारी दफ्तरों में बिजली बचाने की होगी प्रतिस्पर्धा | Now there will be competition to save electricity in government office | Patrika News
विदिशा

अब सरकारी दफ्तरों में बिजली बचाने की होगी प्रतिस्पर्धा

कलेक्टर का नवाचार

विदिशाDec 02, 2020 / 10:30 pm

govind saxena

अब सरकारी दफ्तरों में बिजली बचाने की होगी प्रतिस्पर्धा

अब सरकारी दफ्तरों में बिजली बचाने की होगी प्रतिस्पर्धा

विदिशा. सरकारी दफ्तरों में अब उऊर्जा संरक्षण के लिए प्रतिस्पर्धा होगी। इसके लिए माहौल बनाना शुरू कर दिया गया है। कलेक्टर ने नवाचार करते हुए पहले चरण में कलेक्ट्रेट के कंपोजिट भवन में हर विभाग के दफ्तर को अपना सब मीटर अलग से लगवाने के लिए कह दिया है। इससे यह पता चल सकेगा कि किस विभाग की बिजली खपत कितनी होती है। इसके बाद सभी विभागों में बिजली खपत को लेकर प्रतिस्पर्धा होगी।
कलेक्टर डॉ पंकज जैन ने कंपोजिट भवन में शिफ्ट हुए सभी विभागों के अधिकारियों को इस महीने के अंत तक अपने-अपने बिजली के सब मीटर अलग से लगवाने को कह दिया है। उन्होंने यह भी कहा है कि सब मीटर लगवाने में किसी तरह की कोई दिक्कत आए तो डीइ अवधेश त्रिपाठी से संपर्क कर समस्या का हल निकलवाएं, लेकिन सब मीटर जरूर लगवाएं।
कलेक्टर डॉ जैन बताते हैं कि इसके पीछे दो बातें हैं। एक तो यह कि कंपोजिट भवन में अभी सभी विभागों के बिजली बिल का भुगतान राजस्व मद से हो रहा है, लेकिन यह उचित नहीं है। हर विभाग का अपना मद होता है, उसी से बिल भुगतान होना चाहिए, जिससे किसी एक विभाग पर भार न पड़े। दूसरे अन्य विभाग जब बिजली बिल भुगतान नहीं करते तो उन्हें बिजली बचाने, बिल भुगतान करने की चिंता भी नहीं रहती, ऐसे में वे बिजली की खपत कम करने पर भी नहीं सोचते। मुफ्त की बिजली मिलने पर उसकी कद्र नहीं होती। इसलिए भी यह जरूरी था। कलेक्टर डॉ जैन ने बताया कि हाल ही में ऊर्जा रथ लेकर चेतन सोलंकी विदिशा आए थे, उन्होंने भी सरकारी दफ्तरों में बिजली की बचत के बारे में कहा था, इस पर हमने उन्हें बताया था कि विदिशा कलेक्ट्रेट में इस तरह के प्रयास शुरू हो गए हैं। डॉ जैन कहते हैं कि हम ऐसा माहौल बनाना चाह रहे हैं कि सबके सबमीटर लग जाने के बाद विभागों में बिजली खपत कम करने को लेकर प्रतिस्पर्धा हो, यकीनन इसके अच्छे परिणाम आएंगे और ऊर्जा की बचत भी होगी।
कंपोजिट भवन में हैं 35 विभाग
कंपोजिट भवन में 35 विभागों के दफ्तर संचालित हैं, इन सबका बिजली बिल अभी राजस्व मद से भुगतान हो रहा है। लेकिन जनसंपर्क, नापतौल, श्रम, पंजीयन जैसे कई विभाग अभी भी कंपोजिट भवन में नहीं पहुंच सके हैं। यह भी माना जा रहा है कि कंपोजिट भवन में पत्रकारों का जमावड़ा न रहे, इसलिए कुछ अधिकारी नहीं चाहते कि जनसंपर्क कार्यालय यहां शिफ्ट हो।

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