सर्चिंग में जेसीबी की भी ली गई मदद
नायब तहसीलदार उइके ने बताया कि जिस पुलिया के पास हादसा हुआ था वहां जेसीबी की मदद से पत्थर तथा अन्य मलबा हटाकर भी तलाश की गई। वहां झाडिय़ां भी बहुत हैं, अब उनको तलाशा जाएगा। एनडीआरएफ, पुलिस और प्रशासन की टीम ग्रामीणों के साथ लगातार आर्यन को तलाशती रही।
नायब तहसीलदार उइके ने बताया कि जिस पुलिया के पास हादसा हुआ था वहां जेसीबी की मदद से पत्थर तथा अन्य मलबा हटाकर भी तलाश की गई। वहां झाडिय़ां भी बहुत हैं, अब उनको तलाशा जाएगा। एनडीआरएफ, पुलिस और प्रशासन की टीम ग्रामीणों के साथ लगातार आर्यन को तलाशती रही।
मनोज का अंतिम संस्कार हुआ
उधर ग्रामीण मोहरसिंह ने बताया कि मनोज कुशवाह को बहने से बचा लिया गया था लेकिन जिला अस्पताल में उपचार के बाद भी उसे बचाया नहीं जा सका। पोस्टमार्टम के उपरांत शव उसके गांव पहुंचाया गया, जहां मनोज का अंतिम संस्कार कर दिया गया। मोहर सिंह ने बताया कि यह नाला करीब तीन किलोमीटर दूर नेवन नदी में जाकर मिलता है। वहीं तक रेस्क्यू दल ने शनिवार को आर्यन की तलाश की, लेकिन उसे खोजा नहीं जा सका।
उधर ग्रामीण मोहरसिंह ने बताया कि मनोज कुशवाह को बहने से बचा लिया गया था लेकिन जिला अस्पताल में उपचार के बाद भी उसे बचाया नहीं जा सका। पोस्टमार्टम के उपरांत शव उसके गांव पहुंचाया गया, जहां मनोज का अंतिम संस्कार कर दिया गया। मोहर सिंह ने बताया कि यह नाला करीब तीन किलोमीटर दूर नेवन नदी में जाकर मिलता है। वहीं तक रेस्क्यू दल ने शनिवार को आर्यन की तलाश की, लेकिन उसे खोजा नहीं जा सका।
ऐसे हुआ था हादसा…
शुक्रवार की शाम करीब 7 बजे संतोष कुशवाह विदिशा से पीपरहूंठा होते हुए अपने गांव अहमदपुर जा रहा था। उसके साथ 5 वर्षीय आर्यन और 16 वर्षीय मनोज भी बाइक पर थे। पीपरहूंठा पुलिया पर पानी था, जिसमें से बाइक निकालते समय बाइक एक गड्ढे के कारण असंतुलित होकर गिर गई। इस घटना में तीनों बाइक सवार भी गिर गए और देखते ही देखते आर्यन पानी के बहाव में नाले में चला गया, जबकि संतोष और मनोज को ग्रामीणों ने किसी तरह डूबने से बचा लिया। इसके बाद मनोज को अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उसकी देर रात मौत हो गई।
शुक्रवार की शाम करीब 7 बजे संतोष कुशवाह विदिशा से पीपरहूंठा होते हुए अपने गांव अहमदपुर जा रहा था। उसके साथ 5 वर्षीय आर्यन और 16 वर्षीय मनोज भी बाइक पर थे। पीपरहूंठा पुलिया पर पानी था, जिसमें से बाइक निकालते समय बाइक एक गड्ढे के कारण असंतुलित होकर गिर गई। इस घटना में तीनों बाइक सवार भी गिर गए और देखते ही देखते आर्यन पानी के बहाव में नाले में चला गया, जबकि संतोष और मनोज को ग्रामीणों ने किसी तरह डूबने से बचा लिया। इसके बाद मनोज को अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उसकी देर रात मौत हो गई।
विधायक ने स्वीकृत कराई आर्थिक सहायता
विधायक शशांक भार्गव के कार्यालय से जारी बयान में कहा गया हैकि विधायक ने दोनों पीडि़त परिवारों को 4-4 लाख रुपए की आर्थिक सहायता के लिए सीएम कमलनाथ से बात करा राहत राशि स्वीकृत करा ली है। विधायक भार्गव ने पत्रिका से चर्चा में इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि पीडि़त परिवारों को 2-3 दिन में राहत राशि मिल जाएगी। जब उन्हें बताया गया कि जब तक मौत की पुष्टि नहीं हो जाती किसी को मृत घोषित नहीं किया जा सकता और उसके परिवार को मौत के नाम पर आर्थिक सहायता नहीं दी जा सकती, तो उन्होंने अपनी गलती स्वीकारी और माना की उनसे भूल हुई है। गौरतलब है कि पानी में बहे 5 वर्षीय आर्यन का अभी कोई पता नहीं चल सका है। ऐसे में उसकी मौत की घोषणा और राहत राशि स्वीकृत कराना तकनीकी रूप से सही नहीं माना जा सकता।
विधायक शशांक भार्गव के कार्यालय से जारी बयान में कहा गया हैकि विधायक ने दोनों पीडि़त परिवारों को 4-4 लाख रुपए की आर्थिक सहायता के लिए सीएम कमलनाथ से बात करा राहत राशि स्वीकृत करा ली है। विधायक भार्गव ने पत्रिका से चर्चा में इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि पीडि़त परिवारों को 2-3 दिन में राहत राशि मिल जाएगी। जब उन्हें बताया गया कि जब तक मौत की पुष्टि नहीं हो जाती किसी को मृत घोषित नहीं किया जा सकता और उसके परिवार को मौत के नाम पर आर्थिक सहायता नहीं दी जा सकती, तो उन्होंने अपनी गलती स्वीकारी और माना की उनसे भूल हुई है। गौरतलब है कि पानी में बहे 5 वर्षीय आर्यन का अभी कोई पता नहीं चल सका है। ऐसे में उसकी मौत की घोषणा और राहत राशि स्वीकृत कराना तकनीकी रूप से सही नहीं माना जा सकता।
डैम का पानी देखने गए बालक की डूबने से मौत
करारिया थानांतर्गत ग्राम कबूला में डैम का पानी देखने गए बालक की पैर फिसलने से डूबने से मौत हो गई। टीआई सुबोध कुमार तोमर ने बताया कि ग्राम कबूला निवासी करीब 13 वर्षीय उबेद सुबह अपने भाई के साथ हलाली डैम का पानी देखने गया था। यह डैम गांव तक फैला है। यहां उसका पैर फिसल गया। लोगों ने उसे पानी से निकाला एवं अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने मर्गकायम कर शव का पीएम कराया है।
ऐसे हुआ था हादसा…
शुक्रवार की शाम करीब 7 बजे संतोष कुशवाह विदिशा से पीपरहूंठा होते हुए अपने गांव अहमदपुर जा रहा था। उसके साथ 5 वर्षीय आर्यन और 16 वर्षीय मनोज भी बाइक पर थे। पीपरहूंठा पुलिया पर पानी था, जिसमें से बाइक निकालते समय बाइक एक गड्ढे के कारण असंतुलित होकर गिर गई। इस घटना में तीनों बाइक सवार भी गिर गए और देखते ही देखते आर्यन पानी के बहाव में नाले में चला गया, जबकि संतोष और मनोज को ग्रामीणों ने किसी तरह डूबने से बचा लिया। इसके बाद मनोज को अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उसकी देर रात मौत हो गई।
शुक्रवार की शाम करीब 7 बजे संतोष कुशवाह विदिशा से पीपरहूंठा होते हुए अपने गांव अहमदपुर जा रहा था। उसके साथ 5 वर्षीय आर्यन और 16 वर्षीय मनोज भी बाइक पर थे। पीपरहूंठा पुलिया पर पानी था, जिसमें से बाइक निकालते समय बाइक एक गड्ढे के कारण असंतुलित होकर गिर गई। इस घटना में तीनों बाइक सवार भी गिर गए और देखते ही देखते आर्यन पानी के बहाव में नाले में चला गया, जबकि संतोष और मनोज को ग्रामीणों ने किसी तरह डूबने से बचा लिया। इसके बाद मनोज को अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उसकी देर रात मौत हो गई।
विधायक ने स्वीकृत कराई आर्थिक सहायता
विधायक शशांक भार्गव के कार्यालय से जारी बयान में कहा गया हैकि विधायक ने दोनों पीडि़त परिवारों को 4-4 लाख रुपए की आर्थिक सहायता के लिए सीएम कमलनाथ से बात करा राहत राशि स्वीकृत करा ली है। विधायक भार्गव ने पत्रिका से चर्चा में इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि पीडि़त परिवारों को 2-3 दिन में राहत राशि मिल जाएगी। जब उन्हें बताया गया कि जब तक मौत की पुष्टि नहीं हो जाती किसी को मृत घोषित नहीं किया जा सकता और उसके परिवार को मौत के नाम पर आर्थिक सहायता नहीं दी जा सकती, तो उन्होंने अपनी गलती स्वीकारी और माना की उनसे भूल हुई है। गौरतलब है कि पानी में बहे 5 वर्षीय आर्यन का अभी कोई पता नहीं चल सका है। ऐसे में उसकी मौत की घोषणा और राहत राशि स्वीकृत कराना तकनीकी रूप से सही नहीं माना जा सकता।
विधायक शशांक भार्गव के कार्यालय से जारी बयान में कहा गया हैकि विधायक ने दोनों पीडि़त परिवारों को 4-4 लाख रुपए की आर्थिक सहायता के लिए सीएम कमलनाथ से बात करा राहत राशि स्वीकृत करा ली है। विधायक भार्गव ने पत्रिका से चर्चा में इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि पीडि़त परिवारों को 2-3 दिन में राहत राशि मिल जाएगी। जब उन्हें बताया गया कि जब तक मौत की पुष्टि नहीं हो जाती किसी को मृत घोषित नहीं किया जा सकता और उसके परिवार को मौत के नाम पर आर्थिक सहायता नहीं दी जा सकती, तो उन्होंने अपनी गलती स्वीकारी और माना की उनसे भूल हुई है। गौरतलब है कि पानी में बहे 5 वर्षीय आर्यन का अभी कोई पता नहीं चल सका है। ऐसे में उसकी मौत की घोषणा और राहत राशि स्वीकृत कराना तकनीकी रूप से सही नहीं माना जा सकता।
डैम का पानी देखने गए बालक की डूबने से मौत
करारिया थानांतर्गत ग्राम कबूला में डैम का पानी देखने गए बालक की पैर फिसलने से डूबने से मौत हो गई। टीआई सुबोध कुमार तोमर ने बताया कि ग्राम कबूला निवासी करीब 13 वर्षीय उबेद सुबह अपने भाई के साथ हलाली डैम का पानी देखने गया था। यह डैम गांव तक फैला है। यहां उसका पैर फिसल गया। लोगों ने उसे पानी से निकाला एवं अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने मर्गकायम कर शव का पीएम कराया है।
करारिया थानांतर्गत ग्राम कबूला में डैम का पानी देखने गए बालक की पैर फिसलने से डूबने से मौत हो गई। टीआई सुबोध कुमार तोमर ने बताया कि ग्राम कबूला निवासी करीब 13 वर्षीय उबेद सुबह अपने भाई के साथ हलाली डैम का पानी देखने गया था। यह डैम गांव तक फैला है। यहां उसका पैर फिसल गया। लोगों ने उसे पानी से निकाला एवं अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने मर्गकायम कर शव का पीएम कराया है।