बड़ी बात यह भी है कि नगर पालिका में रखे गरीबी रेखा के करीब 1 हजार कोरे राशनकार्ड गायब हैं। संभव है कि इनमें से कई राशनकार्ड भी इसी फर्जी तरह से जारी कर दिए हों। सीएमओ सुधीरकुमार सिंह भी शंका जाहिर कर रहे हैं कि कोई रैकेट कार्य कर रहा है। यह अलग बात है कि इतना बड़ा कारनामा होता रहा और सीएमओ को खबर तक नहीं लगी। अब जांच और कार्रवाई की बात कही जा रही है।
ऐसे हुआ खुलासा
जानकारी के मुताबिक दो व्यक्ति राशन कार्ड लेकर नगर पालिका में आए थे। यह व्यक्ति ऑपरेटर से राशन कार्डों को ऑनलाइन कराना चाह रहे थे। जब यह कार्ड ऑनलाइन नहीं हुए जब ऑपरेटर ने फाइलें तलाशीं तो इनकी फाइलें नहीं मिलीं। इसके बाद पड़ताल हुई और इन राशन कॉर्डों को फर्जी पाया गया। इन कार्डों में लगी एसडीएम की सील-हस्ताक्षर, खाद्य विभाग की सील अधिकारी के हस्ताक्षर भी फर्जी पाए गए हैं। कार्डों को जब्त किया गया है। सूचना पर सीएमओ सिंह ने शाखा की सभी आलमारियों को सील कर दिया गया है।
इन कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध, थमाए नोटिस
नगर पालिका सीएमओ सिंह ने बताया कि इस मामले में इस शाखा के कर्मचारी भारतसिंह, लक्ष्मी, मीना जैन, सूर्यकांत की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है। शाखा के सभी कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं। मामले में जांच कराई जाएगी जो भी कर्मचारी दोषी पाया जाएगा उन पर सख्त कार्रवाई होगी साथ ही जिन लोगों ने इस तरह के फर्जी राशन कार्ड बनवाए हैं उन पर भी कार्रवाई होगी। उन्होंने इस शाखा के सभी कर्मचारियों को बदले जाने की बात कही।
कई माह से फर्जी कार्ड बनाने का चल रहा था गोरखधंधा
फर्जी राशन कॉर्ड बनाने का यह गोरखधंधा कई माह से चल रहा था। सैकड़ों राशन कार्ड बनने की आशंका जताईजा रही है। पिछले दो दिन पूर्व नपा कार्यालय की राशन कार्ड शाखा में कर्मचारियों के बीच आपस में विवाद होने की बात भी सामने आई है।