आज भी 70 प्रतिशत विद्यार्थी ऐसे हंै, जो इन कार्यक्रमों से सीधे जुड़ नहीं पा रहे हंै। इस कार्यक्रम में विद्यार्थियों की कम संख्या में जुडऩे के पीछे शिक्षा विभाग द्वारा वॉट्सएप पर छात्रों की पढ़ाई के लिए गु्रप बनाए गए हंै, लेकिन शासकीय स्कूलों में पढऩे वाले कई छात्रों के पास या तो स्मार्ट फोन नहीं हंै, यदि किसी अभिभावकों के पास में स्मार्ट फोन हैं, लेकिन उन्हें इंटरनेट के लिए रूपए नहीं हैं या नेट चलाना ही नहीं आता। ऐसे में इसकी पहुंच सभी छात्रों तक नहीं हो पा रही है। ऐसे ही हालत रेडियो के भी हैं, रेडियो जो अब चलन से बाहर हो गया है। इसका भी लोगों ने उपयोग करना बंद कर दिया है। रेडियो के कार्यक्रम भी छात्रों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। स्थानीय केबल टीवी पर शैक्षणिक कार्यक्रम का प्रसारण किया जा रहा है, लेकिन केबल टीवी की पहुंच ग्रामीण क्षेत्रों तक नहीं है, ऐसे में इनके कार्यक्रम भी छात्रों तक नहीं पहुंच पा रहे हंै।
विभाग द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रम
रेडियो स्कूल कार्यक्रम आकाशवाणी और विविध भारतीय के सभी प्रसारण केन्द्रों से सोमवार से शनिवार तक दिन दोपहर 11 से 12 बजे तक प्रसारित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में छात्रों की पढ़ाई के साथ ही रोचक कार्यक्रम जैसे कहानियां, खेल-खेल में अंग्रेजी भाषा के साथ बहुत सारी बातें सीखने को मिल रही है। वहीं विभाग की ओर से डिजीलेप चल रहा है। इसमें पालकों , शिक्षकों व बच्चों को डिजीलेप वाटसएप् गु्रप पर रोज सुबह ऑनलाइन कक्षाएं लगाई जा रही हैं। कार्यक्रम सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए चलाया जा रहा है। जिसमें छात्रों को मजेदार वीडियों और शैक्षणिक सामग्री मिल रही है।
बीईओ एसएस बिसेन ने बताया कि विद्यार्थियों को पढ़ाई से जोड़े रखने के लिए केबल नेटवर्क कार्यक्रम भी प्रसारित हो रहे हैं। इसके साथ ही अनेक शैक्षणिक कार्यक्रमों का प्रसारण किया जा रहा है। दूरदर्शन पर क्लास रूम कार्यक्रम का प्रसारण किया जा रहा है। दिन में कक्षा 10 के लिए 12 से एक बजे तक तक ऑनलाइन कक्षाएं संचालित की जा रहीं हैं।