63 करोड़ ही बंटे
जिला केंद्रीय सहकारी बैंक से मिली जानकारी के अनुसार जिले में कुल 13923 किसानों से 22457 क्ंिवटल उड़द की खरीदी की गई। इसका करीब 125 करोड़ 47 लाख की राशि भुगतान होना था, लेकिन शासन स्तर से भुगतान के लिए 63 करोड़ की ही राशि मिली, जिसमें 7953 किसानों का भुगतान किया जा सका है। शेष किसानों की राशि अभी आना शेष है।
जिला केंद्रीय सहकारी बैंक से मिली जानकारी के अनुसार जिले में कुल 13923 किसानों से 22457 क्ंिवटल उड़द की खरीदी की गई। इसका करीब 125 करोड़ 47 लाख की राशि भुगतान होना था, लेकिन शासन स्तर से भुगतान के लिए 63 करोड़ की ही राशि मिली, जिसमें 7953 किसानों का भुगतान किया जा सका है। शेष किसानों की राशि अभी आना शेष है।
धान के किसानों का भी यही हाल
वहीं समर्थन मूल्य पर धान बेंचने वाले किसानों का भी यही हाल है। धान की खरीदी के लिए भी जिले में 8 केंद्र बनाए गए। जहां 17 नवंबर से 15 जनवरी तक 1750 एवं 1770 के दाम पर धान की खरीदी हुई। जानकारी के अनुसार कुल 1161 किसानों से 63828 क्ंिवटल धान की खरीदी हुई। इसका कुल 11 करोड़ 17 लाख की राशि का भुगतान होना था, लेकिन अब तक कुल 748 किसानों को 6 करोड़ 14 लाख की राशि का भुगतान ही हो पाया है और करीब 413 किसानों की 5 करोड़ की राशि का भुगतान होना शेष रह गया है।
वहीं समर्थन मूल्य पर धान बेंचने वाले किसानों का भी यही हाल है। धान की खरीदी के लिए भी जिले में 8 केंद्र बनाए गए। जहां 17 नवंबर से 15 जनवरी तक 1750 एवं 1770 के दाम पर धान की खरीदी हुई। जानकारी के अनुसार कुल 1161 किसानों से 63828 क्ंिवटल धान की खरीदी हुई। इसका कुल 11 करोड़ 17 लाख की राशि का भुगतान होना था, लेकिन अब तक कुल 748 किसानों को 6 करोड़ 14 लाख की राशि का भुगतान ही हो पाया है और करीब 413 किसानों की 5 करोड़ की राशि का भुगतान होना शेष रह गया है।
उधार लेकर करना पड़ी बोवनी
ग्राम वामनखेड़ा के किसान देवराज बघेल का कहना है कि उन्होंने दिसंबर माह में समर्थन मूल्य पर धान बेंची थी करीब डेढ़ लाख की राशि का भुगतान अब तक नहीं हो पाया। उन्हें दूसरों से उधार राशि लेकर बोवनी करना पड़ी। वहीं ग्राम बामोरा के किसान हिन्दूसिंह बघेल ने बताया कि उन्हें धान के करीब सात-आठ लाख रुपए एवं उड़द के करीब डेढ़ लाख रुपए का भुगतान नहीं मिला। वे दो माह से परेशान हैं। उधार लेकर बोवनी की और अब लोग तकादे लगा रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनके आसपास गांव के कई किसान ऐसी ही स्थिति से गुजर रहे है।
ग्राम वामनखेड़ा के किसान देवराज बघेल का कहना है कि उन्होंने दिसंबर माह में समर्थन मूल्य पर धान बेंची थी करीब डेढ़ लाख की राशि का भुगतान अब तक नहीं हो पाया। उन्हें दूसरों से उधार राशि लेकर बोवनी करना पड़ी। वहीं ग्राम बामोरा के किसान हिन्दूसिंह बघेल ने बताया कि उन्हें धान के करीब सात-आठ लाख रुपए एवं उड़द के करीब डेढ़ लाख रुपए का भुगतान नहीं मिला। वे दो माह से परेशान हैं। उधार लेकर बोवनी की और अब लोग तकादे लगा रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनके आसपास गांव के कई किसान ऐसी ही स्थिति से गुजर रहे है।
जिले के हजारों किसान परेशान हैं। दो माह बाद भी राशि नहीं मिलना दुर्भाग्यपूर्ण है। अगर राशि का शीघ्र भुगतान नहीं हुआ तो आंदोलन करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
-लाखनसिंह रघुवंशी, किसान नेता साफ्टवेयर संबंधी समस्या के कारण यह स्थिति बनी है। समस्या हल की जा रही है। शीघ्र ही किसानों का भुगतान कराया जाएगा।
-नीरज भार्गव, जिला विपणन अधिकारी
-लाखनसिंह रघुवंशी, किसान नेता साफ्टवेयर संबंधी समस्या के कारण यह स्थिति बनी है। समस्या हल की जा रही है। शीघ्र ही किसानों का भुगतान कराया जाएगा।
-नीरज भार्गव, जिला विपणन अधिकारी