गुरुवार को दोपहर में इस तीसरी लेग को लेकर मंडी कार्यालय में सेतु निगम के सब इंजीनियर, तहसीलदार आरआई, पटवारी एवं मंडी प्रशासन के बीच चर्चा हुई। इस दौरान इस लेग का नक्शा देखा गया। मंडी बोर्ड की अनुमति देखी गई। किसी तरह का अतिक्रमण न होना माना गया।
इस दौरान कार्य स्थल का निरीक्षण भी किया एवं कार्य स्थल को उपयुक्त माना गया है। मालुम हो कि खरीफाटक रेलवे क्रॉसिंग पर वर्ष 2015 से आरओबी का कार्य शुरू हुआ था। इसकी दो लेग जिसमें एक क्रॉसिंग से खरीफाटक की ओर एवं दूसरी लेग क्रॉसिंग से पीतलमिल की ओर तैयार होकर इन दोनों लेग पर अपै्रल माह से आवागमन में भी शुरू हो चुका, लेकिन तीसरी लेग जो खरीफाटक क्रॉसिंग से अनाज मंडी की ओर बनना है इस लेग को लेकर मामला उलझा हुआ है।
व्यापारियों व प्रशासन में है टकराव इस लेग के लिए कई बार सीमांकन हो चुका। कलेक्टर सहित जनप्रतिनिधि भी लेग के स्थल का निरीक्षण कर चुके हैं। प्रशासन का मानना है कि इस कार्य में व्यापारियों व अन्य लोगों का नुकसान न हो इसका ध्यान रखा गया लेकिन व्यापारी लेग के निर्माण कार्य से संतुष्ट नहीं है। खासकर अनाज व्यापारियों का मानना है कि लेग के निर्माण कार्य से पुरानी मंडी का रास्ता रुक जाएगा। नईमंडी में सिर्फ नीलाम कार्य हो सकता है लेकिन तौल कार्य पुरानी मंडी में ही होता है।
व्यापारियों के गोडाउन भी पुरानी मंडी में ही है। अनाज व्यापारियों का पक्ष है कि पहले नईमंडी में उनके प्लाटों का मामला सुलझाया जाए उसके बाद ही तीसरी लेग का कार्य शुरू हो। वहीं इस मंडी रोड से जुड़े व्यापारी चाहते हैं कि लेग बने लेकिन यहां फायर ब्रिगेड व एंबूलेंस निकलने के लिए पर्याप्त स्थान छोड़ा जाना चाहिए। वर्तमान में जो लेग बन रही इसमें इतना स्थान नहीं होने से इसका विरोध है।
ये बोले जिम्मेदार सेतु निगम के सब इंजीनियर, राजस्व एवं मंडी सचिव आदि ने तीसरी लेग के नए एवं पुराने नक्शे को देखा। पूर्वनक्शे में अतिक्रमण आ रहे थे, लेकिन संशोधित नक्शे में यह स्थिति नहीं है। संबंधित जानकारी एसडीएम को दी जाएगी।
राजीव कहार, तहसीलदार खरीफाटक आरओबी की तीसरी लेग के कार्यमें कोई अवरोध नहीं है। इसका निर्माण कार्य शीघ्र शुरू कराया जाएगा। अनिल सुचारी, कलेक्टर