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विदिशा

अधूरे स्कूल भवनों, मध्यान्ह भोजन से नाराज हैं सदस्य

जिला शिक्षा स्थायी समिति की बैठक

विदिशाJun 14, 2019 / 02:23 pm

Bhupendra malviya

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अधूरे स्कूल भवनों, मध्यान्ह भोजन से नाराज हैं सदस्य

विदिशा। जिला पंचायत अध्यक्ष कक्ष में स्थायी शिक्षा समिति की बैठक आयोजित हुई। इस दौरान सदस्यों ने जिले में स्कूलों के अधूरे निर्माण कार्य पर सदस्यों ने नाराजी जताई। इस दौरान बैठक में मौजूद बीआरसी भी स्कूल भवनों के अधूरे कार्य से खफा था। बैठक में मध्यान्ह भोजन एवं गणवेश वितरण पर भी सवाल उठाए और व्यवस्थाएं दुरुस्त कराए जाने की बात कही।


स्कूल भवन का कार्य ही शुरू नहीं हुआ
बैठक में सदस्यों ने कहा कि वर्षों से भवन स्वीकृत है लेकिन अब तक पूरे नहीं हो पाए। इससे भवनों का उपयोग नहीं हो पा रहा और निर्माण कार्य शीघ्रता से पूरा कराने की तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा। सिरोंज क्षेत्र में इस तरह के 14 भवनों का मामला बैठक में उठा। इस दौरान बीआरसी नरेश रघुवंशी का कहना रहा कि वर्ष 2014-15 में 14 माध्यमिक स्कूल भवनों की स्वीकृति हुई थी, लेकिन एक भी भवन अब तक पूरा नहीं हो पाया जबकि रजाखेड़ी में स्कूल भवन का कार्य ही शुरू नहीं हुआ।


बकरियां बंध रही हैं
प्रत्येक भवन 14 लाख 80 हजार के थे। भवन नहीं बनने से माध्यमिक स्कूलों के बच्चों को प्राथमिक स्कूल में पढ़ाना पड़ रहा है। स्थानाभाव के कारण परेशानी होती है। हर स्तर इन भवनों के निर्माण कार्य संबंधी जानकारी दी गई पर कोई कार्रवाई नहीं। वहीं अन्य सदस्यों ने बताया कि घटेरा के स्कूल भवन में बकरियां बंध रही हैं। वहीं जिपं उपाध्यक्ष गुड्डीबाई लालाराम अहिरवार ने कहा कि कोई काम नहीं हो रहा। स्कूलों की पुताई तक वर्षों से नहीं हुई है।


चल रही कार्रवाई

अब तक वसूले 20 लाख बैठक में डीपीसी कार्यालय के सहायक यंत्री ने बताया कि अधूरे निर्माण कार्य पर कार्रवाई चल रही है। अब तक कार्रवाई में 20 लाख रुपए तक की वसूली हुई है। धमनोदा के अधूरे भवन को लेकर भी कार्रवाई की जा रही है। अधूरे निर्माणों को पूरा कराने का कार्य किया जा रहा है।


गड़बडिय़ों पर सख्त कार्रवाई
मध्यान्ह भोजन की गुणवत्ता पर सवाल बैठक में स्कूलों के मध्यान्ह भोजन पर सवाल उठाए गए। जिपं अध्यक्ष तोरणसिंह दांगी ने कहा कि उन्होंने पूर्व में स्वयं स्कूलों में यह देखा है। गुणवत्ता संबंधी शिकायतें बहुत अधिक आती है। वहीं उपाध्यक्ष गुड्डीबाई का कहना है कि दिखाने के लिए टिफिन में अच्छी सब्जी रख दी जाती है जबकि बच्चों को वैसी सब्जी नहीं मिलती। इस तरह की गड़बडिय़ों पर सख्त कार्रवाई होना चाहिए।


मुनगा के पौधों का रोपण भी किया जाएगा
वहीं स्कूलों में पावडर वाले दूध में फ्लेवर वाला दूध हटाने की बात रखी गई। बैठक में गत वर्ष गणवेश वितरण में हुई गड़बड़ी और लेटलाली पर भी सदस्यों ने नाराजी जताई। वहीं जिले में स्कूलों में शिक्षकों की कमी का मुद्दा भी उठा। बैठक में यह हुआ तय बैठक में तय किया गया। मध्यान्ह भोजन को गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए मुनगा और आवले का उपयोग भी भोजन में शामिल किया जाएगा। इसके लिए स्कूल परिसर में आवले व मुनगा के पौधों का रोपण भी किया जाएगा।


हाथ धोने के लिए साबुन का उपयोग
हर स्कूल में हाथ धोने के लिए साबुन का उपयोग होगा। मध्यान्ह भोजन एवं भवन निर्माण कार्य में बीआरसी की निगरानी भी तय की गई। वहीं गणवेश वितरण व अन्य जरूरी मुद्दों पर अलग से भी बैठक किया जाना तय किया गया। बैठक में जिपं अध्यक्ष सहित सदस्य गीतासिंह, गोपाल जाटव, डीईओ एके मौदगिल सहित सभी बीआरसी, बीईओ आदि मौजद रहे।

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