उनका कहना है कि इस सप्ताह के बीच कुछ दिन हुई तेज बारिश उनकी सोयाबीन फसल नष्ट कर गई है। ग्राम पडऱात के दशरथसिंह दांगी का कहना है कि उसने 110 बीघा में सोयाबीन फसल की बोवनी की थी। फसल बहुत अच्छी थी लेकिन बारिश के कारण दो दिन तक फसल पानी में डूबी रही। इससे फसल खराब हो गई।
गांव में चंद्रहास दांगी, बुंदेलसिंह, रविंद्र, तोरणसिंह, राजेश दांगी, रंजीत आदि सभी किसानों की फसल खराब हो गई। इस गांव में करीब एक हजार बीघा खेत में फसल बर्बाद हुई है। पटवारी पहुंचे थे जिन्होंने नुकसान का पंचनामा भी बनाया है। इसी तरह ग्राम पांझ के किसान राजेश रघुवंशी की 50 बीघा खेत में लहलहा रही सोयाबीन फसल बारिश की भेंट चढ़ गई। करीब तीन दिन खेत में पानी भरा रहा। पूरी फसल पर मिट्टी चढ़ गई। अब इस फसल से कोई उम्मीद नहीं रह गई। वह खराब हो चुकी।अन्य किसानों की फसल भी इसी हाल में है। गांव में करीब 700 बीघा रकबे में सोयाबीन फसल खराब हुई है।
उड़द की फसल भी प्रभावित
इधर ग्राम सोजना के किसान प्रहलादसिंह रघुवंशी ने बताया कि उनके क्षेत्र में उड़द की फसल ज्यादा प्रभावित हुई। उड़द में पानी की ज्यादा जरूरत नहीं होती लेकिन अधिक बारिश से उनके एवं आसपास के गांव में उड़द की फसल बर्बाद हो गई है।
इन गांव में अधिक नुकसान
किसानों के मुताबिक ग्राम भाटनी, लालाखेड़ी, नारोठ, सनगाखेड़ी, गाजीखेड़ी, बेरखेड़ी, वन, हुसनापुर, सन, पांझ, पडऱात, खाईखेड़ा आदि नेवन नदी से लगे से लगे करीब 40 गांव में सोयाबीन फसल को बारिश से भारी क्षति हुई है।
नेवन नदी के किनारे के करीब 40 गांव की सोयाबीन फसल बारिश व नदी के पानी से प्रभावित हुई है। हजारों हैक्टेयर में यह फसल खराब हुई और किसानों को करोड़ों रुपए का नुकसान हो चुका है।
-मोहरसिंह रघुवंशी, किसान नेता
पिछले दिनों बारिश के दौरान अभी तक करीब आधा दर्जन गांव में सोयाबीन फसल के नुकसान की जानकारी आई है। इसके अलावा अन्य कहीं नुकसान की जानकारी विभागीय अमले से नहीं मिली है।
-पीके चौकसे, उपसंचालक, कृषि विभाग
बारिश से फसल के नुकसान का सर्वे करने के लिए टीम लगाई गई है। गांव-गांव में बारिश से क्षति का सर्वे कराया जा रहा है।
-चंद्रप्रताप गोहल, एसडीएम, विदिशा