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विदिशा

सोयाबीन को नहीं मिल रहा समर्थन मूल्य

अन्य जिन्सों की खरीदी के लिए शुरू नहीं हो पाए केंद्र….

विदिशाNov 03, 2018 / 09:49 am

वीरेंद्र शिल्पी

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Vidisha The soybean is in full swing in the market.

विदिशा. शासन द्वारा विभिन्न उपज के लिए समर्थन मूल्य तय किए हैं, लेकिन इस मूल्य पर किसानों की उपज नहीं बिक पा रही। इससे किसानों में नाराजी है। उनका कहना है कि उन्हें प्रति क्ंिवटल सौ रुपए से तीन सौ रुपए तक का नुकसान हो रहा है। वहीं उड़द व धान आदि उपज खरीदी के लिए अब तक केंद्र चालू नहीं होने से मंडी में कम दाम पर अपनी उपज बेंचना पड़ रही है।
मालूम हो कि शासन ने सोयाबीन का समर्थन मूल्य 3 हजार 399 रुपए तय किया है। किसान इस बात से खुश थे कि उन्हें लागत के अनुरूप सोयाबीन का सही दाम मिल पाएगा। किसानों ने बताया कि उन्हें 20 अक्टूबर तक सोयाबीन के अच्छे दाम मिले। यहां तक कि मंडी में 4 हजार रुपए क्ंिवटल तक सोयाबीन बिका लेकिन 20 अक्टूबर से भावांतर योजना लागू होने के साथ ही उनके सोयाबीन के रेट गिर गए हैं।
सोयाबीन पर प्रति क्ंिवटल 500 रुपए शासन देगी लेकिन कब मिलेंगे यह तय नहीं पर अभी तो उन्हें समर्थन मूल्य से कम दाम पर अनाज बेंचना पड़ रहा। मंडी में 2 हजार 50 रुपए से लेकर 3 हजार 250 रुपए तक सोयाबीन बिक रहा इससे उनका नुकसान हो रहा है।
धान को भी नहीं उचित दाम…
धान के किसान भी परेशान हैं। धान खरीदी के लिए समर्थन खरीदी केंद्र नहीं जबकि मंडी में धान के दाम कम मिल रहे। किसानों ने बताया कि सीड ड्रिल से लगाई गई धान की खरीदी समर्थन मूल्य पर 1750 रुपए होना तय की गई लेकिन इसके बाद भी इस धान के दाम मंडी में दाम अधिकतम 1300 रुपए तक मिल पा रहे और किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा।
सिर्फ अच्छी किस्म की बासमती धान को ही 3 हजार 50 रुपए तक दाम मिल रहे हैं। इसी तरह उड़द का समर्थन मूल्य 5 हजार 600 रुपए तय किया गया लेकिन मंडी में 1500 से 3870 रुपए के भाव तक उड़द बिक पा रही और किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है।
शुरू नहीं हो पाए खरीदी केंद्र
जिले में उड़द, मूंग, रामतिल आदि की खरीदी के लिए केंद्र बनना थे। इन केंद्रों को मंडी परिसर व बेयर हाउस में खोला जाना था, लेकिन बेयर हाउस खाली न होने व मंडी में स्थान की समस्याओं को देखते हुए केंद्र खुलने का मामला अटका रहा और 20 अक्टूबर से शुरू होने वाले यह खरीदी केंद्र 12 दिन बाद भी शुरू नहीं हो पाए हैं। वहीं धान की खरीदी के लिए अलग पांच केंद्र बनाए जा रहे। इनमें 15 नवंबर से धान की खरीदी शुरू हो पाएगी।

 

-सोयाबीन समर्थन मूल्य पर नहीं खरीदा जा रहा। मंडी में आने के बाद जो भाव मिल रहा उसमें बेंचना मजबूरी है। सरकार को अपने स्तर पर खरीदी की व्यवस्था की जाना चाहिए।

-गुलाबसिंह केवट, किसान, ग्राम बेरखेड़ी

-समर्थन मूल्य से पहले 4 हजार रुपए प्रति क्ंिवटल तक मंडी में सोयाबीन बिका लेकिन 20 अक्टूबर के बाद इसके रेट गिर गए और किसानों को नुकसान हो रहा।

-रवि दांगी, किसान, ग्राम पडऱात

-धान समर्थन मूल्य पर 1750 रुपए के भाव खरीदी जाना चाहिए लेकिन 800 से 1000 रुपए तक के दाम मिल रहे। खरीदी केंद्र नहीं खुलने से मंडी में मनमानी हो रही है। जिला प्रशासन को ध्यान देना चाहिए। –

मोहरसिंह रघुवंशी, किसान नेता

-सोयाबीन के दाम व्यापारी खुद कम ज्यादा नहीं करता। यह दाम सोया प्लांट से तय होते है। इसी आधार पर व्यापारी सोयाबीन की खरीदी करता है। इसमें किसी तरह की मनमानी नहीं है।

-महेंद्र जैन, महामंत्री, अनाज तिलहन व्यापार संघ

-जिले में उड़द व मूंग के लिए 47 केंद्र बना लिए गए हैं। यह खरीदी भारतीय खाद्य निगम करेगा। इसकी तैयारी चल रही है। वहीं धान के लिए पांच केंद्र बनाए है जिन पर 15 नवंबर से धान की खरीदी शुरू होगी।

विजय सालोदे, सहायक आपूर्ति अधिकारी, खाद्य विभाग

 

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