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रेलवे ने गर्डर रखकर छोड़ा, अब परेशान हो रहा विदिशा

रेलवे क्रासिंग के संकट को दूर करने करोड़ों की लागत से बनने वाले आरओबी का काम दो साल की जगह ढाई साल बाद भी पूरा नहीं हो सका है।

विदिशाOct 21, 2017 / 02:32 pm

दीपेश तिवारी

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विदिशा। खरीफाटक रेलवे क्रासिंग के संकट को दूर करने के लिए करोड़ों की लागत से बनने वाले आरओबी का काम निर्धारित दो साल की जगह ढाई साल बाद भी पूरा नहीं हो सका है। लोनिवि की सेतु शाखा ने अपने हिस्से का काम लगभग कर दिया है, लेकिन रेलवे ने अपने हिस्से के काम में सिर्फ गर्डर रखकर छोड़ दिया। गर्डर रखे भी तीन माह बीत चुके हैं, लेकिन उसके बाद काम एक कदम भी आगे नहीं बढ़ सका। नतीजा, लगभग पूरा शहर आवागमन की परेशानियों से जूझ रहा है।
आरओबी के अधिकांश हिस्से का निर्माण लोक निर्माण विभाग की सेतु शाखा को करना था, उसने यह काम लगभग पूरा कर दिया है। पीतलमिल चौराह की ओर अंबेडकर प्रतिमा के पास ब्रिज की एप्रोच रोड बनना है, लेकिन यह काम अंबेडकर प्रतिमा के अब तक न हटने के कारण रुका हुआ है। लेकिन सबसे अहम कार्य रेलवे के हिस्से का बाकी है। इसी साल २३-२४ जुलाई को रेलवे ने अपने हिस्से का काम शुरू करते हुए २३-२३ टन वजन की गर्डर रखीं थीं, लेकिन उसके बाद रेलवे ने आरओबी के काम को पूरा करने के लिए पलट कर भी नहीं देखा। गर्डर रखे जाने के बाद उन्हें आपस में जोडऩे काम काम होना है, इसके बाद स्पॉन के बीच स्लैब डाला जाना था, लेकिन गर्डर डालने के बाद से रेलवे ने अपना काम छोड़ दिया है।

अंबेडकर प्रतिमा के लिए भी बना नया स्थान

पीतलमिल चौराहा स्थित अंबेडकर प्रतिमा को भी यहां से शिफ्ट किया जाना है, इसके लिए अहमदपुर तिराहे पर स्थान तय कर उनका पैडस्टल भी बन चुका है। जल्दी ही यहां अंबेडकर प्रतिमा को स्थापित करने की तैयारी है। इसके बाद आरओबी का एप्रोच रोड बनकर तैयार होगा, जिससे पीतलमिल क्षेत्र से भी आरओबी जुड़ जाएगा।
क्या हैं परेशानियां

– खरीफाटक रेलवे क्रांसिंग बंद हो जाने से लोगों को आवागमन में बहुत दिक्कत आ रही है।
– स्कूली वाहनों को भी निकलने में भारी परेशानी होती है, नीमताल ओवरब्रिज होते हुए आना पड़ता है।
-नीमताल ओवरब्रिज पर दबाव अधिक पड़ रहा है, जिससे दिन में कई बार यहां जाम लगता है।
-अंडरब्रिज की हालत ठीक न होने और उसमें पानी भरा रहने से उसका उपयोग भी नहीं हो पा रहा।
-निर्माण लंबित रहने से क्षेत्र के व्यापारियों और रहवासियों को भी भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
-ट्रेक्टर ट्रालियों की आवाजाही से भी मुख्य मार्गों पर परेशानी होती है, आरओबी से विकल्प मिलेगा।

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