95 लाख रूपए से बनकर तैयार है केंद्र…
पत्र में लिखा है कि पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा द्वारा इस क्षेत्र के ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए 2013-14 में 30 बिस्तर का अस्पताल बनाने के लिए 95 लाख रूपए की राशि स्वीकृति कराई थी। जिसकी निर्माण एंजेसी नेशनल हेल्थ मिशन थी। जिसका निर्माण भी 2018 में पूर्ण हो गया है। लेकिन विगत एक साल से भवन लोकार्पण की बाट जौह रहा है। जिसको प्रारंभ करवाने की दिशा में जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इस कारण इस अस्पताल के बन जाने के बावजूद इसका लाभ क्षेत्र के करीब 100 से अधिक गांवों के लोगों को नहीं मिल पा रहा है।
निजी अस्पताल में उपचार कराना पड़ता है…
ऐसे में ग्रामीणों को उपचार कराने के लिए लटेरी या सिरोंज अस्पताल जाना पड़ता है। ऐसे में आने-जाने में ही समय अधिक लग जाता है। या फिर निजी अस्पताल में उपचार कराना पड़ता है, जहां उन्हें मोटी रकम खर्च करना पड़ती है।
सबसे ज्यादा दिक्कत गरीब तबके के लोगों को होती है। जो अपना उपचार बाहर रुपए देकर नहीं करा सकते। इसलिए यदि अस्पताल का लोकार्पण हो जाएगा, तो लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं मिलने लगेंगीं। इसलिए 10 दिन के भीतर स्वास्थ्य केंद्र शुरु करवाया जाए, नहीं तो अस्पताल के बाहर बैठकर धरना-प्रदर्शन किया जाएगा।