दो वर्ष पहले तत्कालीन एसडीएम चन्द्रमोहन ठाकुर ने अतिक्रमणकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करके शहर को काफी हद तक अतिक्रमण मुक्त कराया था, लेकिन उनके बाद से प्रशासन का रवैया ढीला रहा और अतिक्रमण फिर पैर पसारता चला गया। मुख्य बाजार से लेकर चौक-चौराहों पर सड़कों पर दुकानें संचालित हो रही हैं, जिससे यह समस्या और बढ़ती जा रही है। अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को भी इस समस्या से जूझना पड़ रहा हैऔर उनके वाहन भी जाम में फंसते रहते हैं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई कोई नहीं कर पा रहा।
पुलिस और नगर पालिका प्रशासन कार्रवाई करने के नाम पर खानापूर्ति करते हैं, जिससे लोगों के हौसले इतने बुलंद है कि शासकीय जगह पर गुमठी या टीनशेड करके दुकानदारी शुरू कर दी जाती है। दुकानदारों के द्वारा जितनी दुकानें है उससे ज्यादा जगह में सडक पर अतिक्रमण करके अपना सामान बाहर रख लिया जाता है जिसमें सबसे ज्यादा ब्लिडिंग मटेरियल विक्रेताओं ने लिंक रोड, मंडी बायपास, तहसील रोड, नगरपालिका कार्यालय के सामने कब्जा कर रखा है।
हॉकर जोन में नहीं लगते ठेले
फल-सब्जी विक्रेताओ के लिए नगर में तीन स्थानों पर हॉकर जोन बनाकर स्थान दिया गया था। कुछ समय तक हाथ ठेले वहां लगे भी, लेकिन तत्कालीन एसडीएम चंद्रमोन ठाकुर के बाद फिर हॉकर जोन से हाथ ठेले वापस सड़कों पर आ गए। आज स्थिति यह है कि फल-सब्जी के ठेले बसस्टेंड, मुख्य बाजार, बासौदा नाकार, छत्री चौराहे आदि पर बड़ी संख्या में खड़े होकर दिनभर जाम के हालात बनाते हैं।
इन्होंने कहा-
शहर में अतिक्रमण के कारण आने-जाने में बहुत परेशानी होती है। शहर को अतिक्रमण से मुक्त कराने की मुहिम चलाकार कार्रवाई की जानी चाहिए, जिससे लोों को राहत मिले। -प्रशांत पालीवाल, युवा समाजसेवी
पक्षपात पूर्ण रवैया न अपनाकर एक तरफ से छोटे- बडों पर अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, जिससे सड़कों पर आने-जाने में परेशानी न हो।
यतेन्द्र पाण्डेय, शिक्षक
अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जाएगी। नगर पालिका सीएमओ को निर्देशित भी किया जायेगा और शहर को अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा।
बृजबिहारी श्रीवास्तव, एसडीएम