उदयगिरी परिक्रमा में कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए पूरी सुरक्षा बरती गई। पहले तो निशानों की संख्या ही बहुत कम रखी गई, फिर परिक्रमा में एक साथ बहुत सारे लोग शामिल नहीं हुए। जो सात लोग ध्वज लेकर चल रहे थे, उन्होंने भी सिर और चेहरे पर मास्क लगा रखा था। परिक्रमा मेंं शामिल लोग भी मास्क लगाए थे।
साल में सिर्फ अक्षयनवमी के दिन ही उदयगिरी सबसे ज्यादा गुलजार रहती है। हजारों लोग यहां पहुंचते हैं और देहाती मेला भरता है। आंवले की पूजा कर महिलाएं परिक्रमा लगाती हैं और लोग अपने घरों से भोजन बनाकर लाते और यहीं पिकनिक मनाते हैं। पहाड़ी पर भी सैंकड़ों लोग चढ़ते हैं। यहां पहुंचना आसान नहीं होता, भारी पुलिस इंतजाम भी रहते हैं। लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं रहा। पूरा परिसर सुनसान पड़ा रहा। इक् का-दुक्का लोग रोजमर्रा की तरह आते-जाते रहे।