चातुर्मास स्थापना में प्रथम कलश का सौभाग्य नरेश जैन बालाजी बिल्डर्स को मिला, दूसरा कलश विपिन सर्राफ, अनिरुद्ध सर्राफ ने रखा और तीसरा कलश सौभाग्य सागर के निर्मल जैन को मिला। चौथा कलश सनत जैन, पांचवा कलश संजय मामा, छठवां रमेश चौधरी, विनोद चौधरी, सातवां कलश अभिषेक जैन, आठवां कलश स्थापित कराने का सौभाग्य डॉ राजेन्द्र जैन शोभा जैन को मिला।