रिसर्च की वरिष्ठ लेखिका माया स्टाइलर ने कहा, “महिलाओं के लिए यह महत्वपूर्ण है क्योंकि उम्र बढ़ने के साथ-साथ हमारी हड्डियों का स्वास्थ्य कम होने लगता है। आपकी कैलोरी का सेवन और व्यायाम दिनचर्या आपकी हड्डियों की मजबूती और अस्थिभंग के जोखिम को प्रभावित कर सकती है।”
चूहाें पर किए गए इस शाेध का उद्देश्य कम कलाैरी डाइट लेने पर अस्थि मज्जा वसा ( Bone Marrow Fat ) और समग्र अस्थि स्वास्थ्य ( overall bone health ) पर पड़ने वाले प्रभावाें काे देखने के लिए किया गया था। शाेधकर्ताआें ने रिसर्च के लिए चूहाें के चार समूह बनाएं-एक समूह काे नियमित आहार ( Regular Diet ), दूसरे समूह काे कम कलाैरी आहार ( calorie-restricted ), तीसरे समूह काे नियमित आहार व एक्सरसाइज ( regular diet + exercise ) आैर चाैथे समूह काे कम कलाैरी आहार व एक्सरसाइज ( calorie-restricted + exercise ) के ताैर बांटा गया। कैलोरी-प्रतिबंधित समूह के चूहाें काे रेगुलर डाइट वाले चूहों की तुलना में 30 प्रतिशत कम भोजन परोसा गया।
अध्ययनकर्ताआें ने पाया कि कैलोरी-प्रतिबंधित समूह के चूहों ने अपना वजन कम किया,लेकिन उनके Bone Marrow Fat में भी वृद्धि हुई। या यूं कहे कि कम कलाैरी डाइट से उनकी हड्डियों की संख्या घटने लगी।
शाेधकर्ताआें का कहना है कि लम्बे समय से ही अस्थि मज्जा वसा का बढ़ना हड्डियों की सेहत के लिए नुकसानदायक माना गया है क्याें यह उन्हे कमजाेर बनाता है।अाैर यह बात जानवर से लेकर मानव तक सब पर लागू हाेती है।कम वसा आमतौर पर बेहतर हड्डियों के स्वास्थ्य का एक संकेत है।
स्टाइलर ने कहा ने कहा कि यदि मानवीय दृष्टिकोण से देखा जाए ताे कम कैलोरी आहार जो स्वाथ्यवर्धक माना जाता है,आपकी हड्डी के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है, विशेष रूप से जब आप वर्कआउट करते हाें।