बच्चों को खुशियां दें मोटापा नहीं, जानें ये खास बातें

Vikas Gupta | Publish: Jan, 12 2019 03:09:53 PM (IST) वेट लॉस
परिवारजनों के दुलार-दबाव, साथियों की देखादेखी, पढ़ाई के प्रेशर-टेंशन और सदमे आदि के कारण पड़ती हैं खाने-पीने की गलत आदतें।
परिवारजनों के दुलार-दबाव, साथियों की देखादेखी, पढ़ाई के प्रेशर-टेंशन और सदमे आदि के कारण पड़ती हैं खाने-पीने की गलत आदतें।
दुनियाभर में कैंसर को पहले कदम पर रोकने का नारा बुलंद करने वाली संस्था प्रिवेंट कैंसर फाउंडेशन ने पाया है कि करीब 1/3 बच्चे अपनी किशोरावस्था तक ओवरवेट या मोटे हो जाते हैं। लगभग 70 फीसदी मोटे बच्चों के बड़े होकर भारी-भरकम/ओवरवेट वयस्क बननेे की पूरी आशंका होती है। बचपन के मोटापे के कारण युवास्था में हृदय रोगों,डायबिटीज, स्ट्रोक और कैंसर आशंकाएं बढ़ जाती हैं।
विकसित हो रही दुनिया में हाई स्कूल जाने वाले 2/3 किशोर दिनभर में कम से कम एक सोडा या उनसे मिलते-जुलते मीठे पेय पी रहे हैं।
ऐसी लत के कारण बच्चों पर सीखने और पढ़ने की आदतों , नींद, आत्मविश्वास और आत्मसम्मान पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है।
समाधान है आपके हाथ -
'स्वस्थ परिवार-सुखी परिवार' के मंत्र को खाने के हर पहलू के साथ जोडि़ए। प्रारंभ में यह अटपटा, उबाऊ लगेगा लेकिन इसे अपनाना आपका भविष्य संवार देगा। जहां तक संभव हो सके दिनभर में एक बार बच्चों को अपने साथ खाना खिलाइए। खाने में साबुत अनाज, फल-सब्जियों की मात्रा ज्यादा रखिए।
बच्चों को एक्टिव बनाइए
टीवी कम से कम देखने दें। दिनभर में एक घंटे का शारीरिक व्यायाम बेहद जरूरी है, भले ही किसी भी रूप में हो। बच्चों को धूप, बगीचे, धूल-मिट्टी, साइकिल, दौड़-भाग और खेल-कूद में भी रमने दें।
Hindi News अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें (Hindi News App) Get all latest Weight Loss News in Hindi from Politics, Crime, Entertainment, Sports, Technology, Education, Health, Astrology and more News in Hindi