घड़ी ने दिया दृढ़ संकल्प का मंत्र…
सकानो ने घड़ी ठीक होने की आशा छोड़ दी और उसे मठ में लगे रहने दिया। 13 फरवरी 2021 में क्षेत्र में दोबारा भूकंप आया। इसके बाद एक दिन सकानो ने घड़ी की टिकटिक दोबारा सुनी। घडी़ ठीक से काम कर रही थी। बंसुन का कहना है कि घड़ी के वाक्ये ने उन्हें दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढऩे के लिए प्रेरित किया है।
जब मठ में घुसे पानी ने मचाई तबाही-
तट के नजदीक ही यमामोटो इलाके में एक बौद्ध मठ है। यहां ये 100 साल पुरानी विशाल घड़ी लगी हुई थी। २०११ के भूकंप के बाद आई सुनामी की लहरों का पानी मठ में घुस गया था। इससे सब कुछ तहस-नहस हो गया। केवल मठ के खंभे और छत ही बच पाई। जापान को आपदा से उबरने में लंबा समय लगा। हालात सुधरने पर मठ प्रमुख और घड़ी के मालिक, बंसुन सकानो (58) ने मलबे से घड़ी ढूंढ ली। उन्होंने घड़ी ठीक करने की काफी कोशिश की, लेकिन असफल रहे।
ये दो संभावनाएं आई सामने…
घड़ी निर्माता सेइको के एक प्रतिनिधि का मानना है कि 2011 के बाद घड़ी के पेंडुलम ने काम करना बंद कर दिया था, भूकंप के झटके से वह चलना शुरू हो गया। दूसरी संभावना यह है कि घड़ी के अंदर जमी धूल हट गई हो।