डॉक्टरों का कहना है कि जब गर्भ में कुछ अंगों का विकास काफी तेजी से होता है और प्रक्रिया रुक नहीं पाती तो ऐसी हालत पैदा होती है। रीढ़ की हड्डी चारों ओर के ऊतकों से जुड़ी होती है। जब यह रीढ़ की नली में आसानी से घूम नहीं पाती तो इस तरह के अतिरिक्त अंग बनते हैं। इससे कई तरह की न्यूरोलॉजिकल समस्याएं पैदा हो सकती हैं। ऐसा मामला 10 लाख बच्चों में से किसी एक में सामने आता है।
पहले भी सामने आ चुके हैं ऐसे मामले चीन में 2014 में भी इस तरह का मामला सामने आया था। तब जन्म के पांच महीने बाद नुओ नुओ नाम के बच्चे की पूंछ निकल आई थी। जन्म के समय बच्चे की रीढ़ की हड्डी के बीच खाली जगह छूट गई थी। पूंछ वहीं से निकली। उसकी मां ने पूंछ निकालने का आग्रह किया, लेकिन डॉक्टरों ने इनकार करते हुए कहा कि पूंछ बच्चे के तंत्रिका तंत्र से जुड़ी हुई है। इसे निकाला गया तो गंभीर समस्या हो सकती है।
मैक्सिको में हटाई थी सर्जरी से मेक्सिको के एक सरकारी अस्पताल में दो साल पहले एक बच्ची करीब 2.2 इंच की पूंछ के साथ पैदा हुई थी। पूंछ की त्वचा बालों से ढकी थी। इसमें मांसपेशियां और नसें भी थीं। पूंछ को सुई चुभाने पर बच्ची रो पड़ी थी। एक्स रे रिपोर्ट में पता चला कि पूंछ में हड्डी नहीं है। यह शरीर का अनावश्यक अंग है। पूंछ बच्ची के तंत्रिका तंत्र से नहीं जुड़ी थी, इसलिए इसे सर्जरी से हटा दिया गया।