विज्ञान की एक नई तकनीक के तहत गर्भ में पल रहे भ्रूण की 3D मॉडल्स तस्वीरें ली जा सकेंगी। इससे जिन माता-पिता को देखने में परेशानी है या फिर जो नेत्रहीन होने के कारण अपने बच्चों को कभी नहीं देख पाए, उन्हें मदद मिल सकेगी। इस तकनीक के कारण माता-पिता बनने जा रहे नेत्रहीन व्यक्ति भी अपने गर्भ में पल रहे बच्चे को देखने का अनुभव कर सकेंगे।
यह तकनीक उसी तरह बच्चे की तस्वीर बनाएगी, जिस तरह से अल्ट्रासाउंड स्कैनिंग में गर्भस्थ बच्चा स्क्रीन पर नजर आता है। पोलैंड की एक फर्म ने इस तकनीक का इजाद किया है। ऐसे जोड़े जब 3D अल्ट्रासाउंड जांच कराएंगे, तब वो नेत्रहीन होने के बावजूद गर्भ में पल रहे भ्रूण को देख सकेंगे। ये तस्वीरें नॉन-टॉक्सिक बायोप्लास्टिक में प्रिंट किए जाएंगे।
इस नई तकनीक के तहत बताया जा रहा है कि बास रिलीफ गर्भस्थ बच्चे की असली 3D तस्वीर होगी। बच्चे के साथ-साथ मां के गर्भ को भी तस्वीर में दिखाया जाएगा। अजन्मे बच्चे के आकार और असली लंबाई-चौड़ाई का पूरा ध्यान रखा जाएगा। यह प्रॉजेक्ट जल्द ही पोलैंड के बाहर भी शुरू किया जाएगा। इस तरह इस तकनीक से नेत्रहीन माता-पिता की तकलीफ दूर हो सकेगी।