शोधकर्ताओं का कहना है कि कोई ग्रह संभवत: विकास के शुरुआती चरण में है। इस चरण में वहां बड़ा और जटिल जीवन पनपने की सारी सुविधाएं होंगी, जो डायनासोर के अस्तित्व का स्रोत है। द सन की रिपोर्ट के मुताबिक अमरीका की कॉर्नेल यूनिवर्सिटी की वैज्ञानिक रेबेका पायने ने बताया कि पृथ्वी पर इस चरण के समय जीवन ज्यादा जटिल था। शोध की प्रमुख लेखिका लिसा कल्टेनेगर ने कहा, प्राणियों का पता लगाने के लिए दूसरे ग्रहों पर उन यौगिकों की खोज करनी होगी, जो आज पृथ्वी पर नहीं मिलते, लेकिन डायनासोर के समय में थे।
ज्यादा ऑक्सीजन थी डायनासोर के युग में शोध में पता चला कि डायनासोर के युग के दौरान धरती पर ऑक्सीजन आज के मुकाबले 30 फीसदी ज्यादा थी। इससे यहां जटिल जीवों को पनपने का मौका मिला। अब ऑक्सीजन का स्तर 21 फीसदी पर स्थिर हो गया है। शोधकर्ताओं के मुताबिक ऑक्सीजन का ज्यादा स्तर अन्य ग्रहों पर जटिल जीवन के अस्तित्व के लिए मूल्यवान संकेतक के रूप में काम कर सकता है।
दूसरे ग्रहों पर नई प्रजातियों की खोज लिसा कल्टेनेगर का कहना है कि डायनासोर के युग के पृथ्वी के माहौल की खोज ब्रह्मांड के अन्य ग्रहों पर की जा सकती है। अब हमारे पास ऐसी टेक्नोलॉजी हैं, जो दूसरे ग्रहों पर नई प्रजातियों का पता लगने में मदद कर सकती हैं। हमें ऐसे ग्रह का पता लगाना होगा, जहां ऑक्सीजन उच्च स्तर पर हो। इससे दूसरे ग्रहों पर जटिल जीवन के अस्तित्व को समझने में मदद मिल सकती है।