बात 48 साल पहले यानि साल 1971 की है। एक शख्स सूट-बूट पहनकर अपने हाथ में एक काले रंग का बैग लेकर अमेरिका के एयरपोर्ट पर पहुंचा। इस शख्स का नाम डैन कूपर बताया गया था, उसे डीबी कूपर के नाम से भी जाना जाता है। लेकिन ये उसका असली नाम था ही नहीं। उसने काउंटर पर जाकर सीएटल जाने वाली फ्लाइट बोइंग-727 विमान का टिकट लिया। इसके बाद वो प्लेन में गया और सबसे पीछे वाली सीट पर बैठ गया क्योंकि उसे यही सीट मिली थी। लेकिन हैरान करने वाली बात ये थी कि बाकी यात्रियों की तरह उसने बैग को ऊपर नहीं रखा और अपने पास ही रखकर बैठा।
विमान ने जैसे ही एयरपोर्ट ( airport ) से उड़ान भरी, वैसे ही कूपर ने फ्लाइट अटेंडेंट को एक कागज का टुकड़ा दिया। कहा जाता है कि तब अटेंडेंट को लगा कि वह कोई बिजनेसमैन है और उसे अपना नंबर दे रहा है। हालांकि अटेंडेंट ने उस कागज को ले लिया, लेकिन उसे पढ़ते ही वो सन्न रह गई क्योंकि इस कागज पर लिखा था ‘मेरे पास बम है’। कूपर ने फ्लाइट अटेंडेंट को अपना बैग खोलकर भी दिखाया, जिसमें सचमुच में एक बम था। इसके बाद कूपर ने उसे अपनी सारी शर्तें बताई और कहा कि विमान को नजदीकी एयरपोर्ट पर लैंड कराया जाए और उसमें फिर से ईंधन भरा जाए। इसके साथ ही उसने दो लाख डॉलर (आज के हिसाब से करीब एक करोड़ 36 लाख रुपये) और चार पैराशूट की भी मांग की।
इसके बाद ये बात पायलट को बताई गई और उन्होंने विमान हाइजैक और कूपर की मांगों के बारे में सिएटल के एयर ट्रैफिक कंट्रोल को सूचना दी। ये सुनते ही अफरातफीर मच गई। पुलिस और एफबीआई हरकत में आई। वहीं सरकार ने विमान में मौजूद लोगों की सुरक्षा को प्रथम रखते हुए कूपर की सारी मांगे मान ली, लेकिन एफबीआई ने कूपर को दिए जाने वाले पैसों के नोटों के नंबर नोट कर लिए ताकि कूपर को पकड़ा जा सके। इसके बाद कूपर का असली मिशन शूरू हुआ। उसने पायलट को कहा कि विमान को मैक्सिको ले चलो। दूसरी तरफ अमेरिकी एयरफोर्स ने अपने दो विमान उस विमान के पीछे लगा दिए, ताकि कूपर को पकड़ा जा सके।
वहीं इसके बाद कूपर ने सभी पायलट को रूम में जाने को कहा और सब को हिदायत दी कि दरवाजा अंदर से बंद रखे। वहीं जब थोड़ी देर बाद पायरल को विमान में हवा के दबवा में फर्क महसूस हुआ, तो उन्होंने बाहर जाकर देखा। सामने नजारा ये था कि विमान का दरवाजा खुला था। पायलट ने तुरंत दरवाजा बंद किया और कूपर को विमान में ढूंढा, लेकिन वो नहीं मिला। वहीं जब विमान एयरपोर्ट पर उतरा तो विमान को चारों तरफ से घेर लिया गया, ताकि कूपर को पकड़ा जा सके। लेकिन वो आज तक नहीं मिला क्योंकिं वो तो पहले ही आसमान से कूद चूका था।