क्रैबिंग से लौटकर वापस आए पेरेज़ ने अगले दिन देखा कि उनके हाथ और पैर की उंगलियां काफी सूज गई हैं और उनका रंग भी बदल गया है। पेरेज़ के शरीर के कई अंगों में छाले भी पड़ गए थे। शरीर के साथ हो रहे इस असाधारण बदलाव को देखते हुए वे अस्पताल गए, जहां जांच के बाद पता चला कि उन्हें एक भयानक इंफेक्शन हो गया है, जिसकी वजह विबरियो बैक्टीरिया हो सकते हैं। विबरियो बैक्टीरिया आमतौर पर गरम पानी में पाए जाते हैं, जहां नदी और समुद्र मिलते हैं। डॉक्टरों ने बताया कि ये इंफेक्शन पूरे शरीर में फैल सकता है,जिसे रोकने के लिए सिर्फ एक ही रास्ता है। डॉक्टरों ने पेरेज़ से कहा कि उनके प्रभावित हिस्सों को काटना पड़ेगा।
जान पर आफत आने के बाद पेरेज़ ने इकलौते आखिरी रास्ते पर ही चलने का फैसला लिया। जिसके बाद डॉक्टरों ने पेरेज़ के हाथ की उंगलियों और पैर के अंगूठे को काट दिया। पेरेज़ और उनके घर वालों को लगा कि प्रभावित अंगों को काटने के बाद समस्याएं खत्म हो जाएंगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ, पेरेज़ की हालत अभी भी नाज़ुक बनी हुई है। वे कैमडेन के कूपर यूनिवर्सिटी अस्पताल में भर्ती हैं, जहां उनका इलाज चल रहा है। लेकिन पेरेज़ के लिए दिक्कतें इसलिए बढ़ गई हैं क्योंकि उन्हें पार्किंसन नाम की बीमारी भी है, जिससे उनका इम्यून सिस्टम भी काफी कमजोर हो गया है। लेकिन पेरेज़ ने इतनी दिक्कतों के बाद भी हिम्मत नहीं हारी और ज़िंदगी के लिए बीमारियों से पूरी बहादुरी के साथ लड़ रहे हैं।