बिना हिले डुले ये पत्थर सालों से एक ही जगह पर टिका हुआ है। इस पत्थर को आज तक आंधी-तूफान भी अपनी जगह से नहीं हिला सका। बता दें कि म्यांमार के लोग इसे भगवान का रूप मानते हैं और इसकी पूजा करते हैं।
वर्मा के बौद्ध धर्मालंबियों के लिए ये एक प्रमुख तीर्थ स्थल है। इसे यहां गोल्डन रॉक या क्येकटियो के नाम से जानते हैं। इस अद्भूत पत्थर के दर्शन के लिए यहासं हमेशा भक्तों की भीड़ लगी रहती है। इस विशाल पत्थर का एक छोर एक नुकीले पत्थर पर टिका हुआ है और बाकी का भाग बाहर की ओर लटका हुआ है।
यहां पर नवंबर से लेकर मार्च तक लाखों की तादात में श्रद्धालु आते हैं और अपनी मुराद मांगते हैं। इसे देखकर हमेशा यहीं लगता है कि जैसे ये अभी गिर पड़ेगा लेकिन हैरान करने वाली बात तो ये है कि गिरना तो दूर ये पत्थर आज तक अपनी जगह से हिला तक नहीं है।
अपने इस अनोखेपन की वजह से ये मंदिर अब आस्था का प्रतीक बन गया है और यहां के लोग इसे बहुत मन से मानते हैं। इस पत्थर के ऐसा हवा में लटकने की वजह से आज भी पर्दाफाश नहीं किया जा सका है और शायद न ही कभी किया जाएगा। यदि आप भी कभी म्यांमार जाए तो गोल्डन रॉक का दर्शन ज़रूर करें। इसे देखने पर ऐसा लगता है कि जैसे ये सोने का बना हुआ है और इसी के चलते इसे गोल्डन रॉक के नाम से बुलाया जाता है।