आक्रमणकारी महमूद गजनवी लाख कोशिशों के बाद भी शिवलिंग को तोड़ नहीं पाया। जब वो अपने इस नापाक मंसूबे में कामियाब नहीं हो पाया तो उसने शिवलिंग पर कलमा ‘लाइलाहइलाल्लाह मोहम्मद उररसूलउल्लाह’ गुदवा दिया। बता दें कि ये शिव मंदिर गोरखपुर से करीब 30 ककिलोमीटर दूर खजनी कसबे के सरया गांव में स्थित है। मान्यता है के ये मंदिर हज़ारों साल पुराना है। लोग बताते हैं कि ये चमत्कारी शिवलिंग ज़मीन से निकला था।
गजनवी ने जब इसे मिटाना चाहा तो वह अपनी जगह से रत्ती भी नहीं हिला। खिसियाए हुए गजनवी को कुछ नहीं सूझा तो उसने इसपर कलमा खुदवा दिया। उसने सोचा कि ऐसा करने से हिंदू शिवलिंग की पूजा नहीं करेंगे। लेकिन उसके सारे इरादों पर पानी फिर गया। शिवभक्त आज भी यहां पर पूजा-पाठ के साथ जल और दुग्धाभिषेक के लिए आते हैं। सावन के महीने में तो इस मंदिर की महत्वता और भी बढ़ जाती है। सरया तिवारी गांव के इस शिवलिंग को नीलकंठ महादेव ( neelkanth mahadev temple ) के नाम से जाना जाता है। यहां के लोगों का मानना है कि इतना विशाल शिवलिंग पूरे भारत में सिर्फ यहीं पर है। वैसे तो इस मंदिर को लेकर कई मान्यताएं जुड़ी हैं लेकिन एक मान्यता जो सबसे ज्यादा प्रचलित है वो यह कि यहां एक ऐसा पोखर जिसके पानी से नहाने से कुष्ट रोग दूर हो जाता है।