नोबेल पुरस्कार विजेता आइंस्टीन नेयह पत्र 5 दिसंबर 1919 को पत्नी मिलेवा मरिक और बेटों को लिखा था। इस पत्र में उन्होंने ऐसा बहुत कुछ लिखा, जिसमें उनके निजी जीवन के खुलासे होते हैं। इस पत्र में पेज के दोनों तरफ यह पत्र लिखा गया है। एक तरफ उन्होंने अल्बर्ट और दूसरी तरफ पापा नाम से हस्ताक्षर किए थे। यह पत्र हस्तलिखित है और इस असामान्य पत्र से आइंस्टीन के निजी जीवन और उनकी वैज्ञानिक विरासत का विवरण मिलता है।
इस पत्र की शुरुआत में आइंस्टीन ने पत्नी मिलेवा मरिक को तलाक देने की व्यवस्था और बेटे हैंन्स अल्बर्ट की शिक्षा के बारे में चर्चा की है। उन्होंने लिखा कि ऐसा लगता है कि हमारे भाग्य में खानाबदोश वाली जिंदगी लिखी है। मौजूदा हालात में मैं यह समझ सकता हूं कि तुम बहुत अच्छी हो सकती हो। मैं यह भी चाहूंगा कि अल्बर्ट का स्कूल नहीं बदला जाए। आइंस्टीन ने पत्र की दूसरी ओर अपने बेटों हैंन्स और एडवर्ड की पढ़ाई के बारे में लिखा है। यह पत्र अमरीका के पीआर ऑक्शन हाउस में रखा गया था। यहां इसकी नीलामी हुई जिसमें यह पत्र 21492 डॉलर में यानी कि करीब 14 लाख रुपए में नीलाम हुआ। यह एकमात्र पत्र ही आइंस्टीन के जीवन के कई राज खोलता है। हालांकि यह खुलासा नहीं हो पाया है कि इस पत्र को किसने खरीदा है।