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भोपाल

बच्चों के जाते ही यह स्कूल बनता है शाराबियों का अड्डा 

बच्चों की संख्या अधिक होने व एक ही स्थान पर तीन स्कूलों का संचालन होने के बाद भी शिक्षा विभाग स्कूल परिसर के बाहर बाउंड्री नहीं बनवा सका है।

भोपालNov 03, 2015 / 04:11 pm

Widush Mishra

(फोटो कैप्शन: बाउंड्रीवॉल नहीं होने से स्कूल परिसर में बैठे जानवर।)

छतरपुर।शहर के डेरा पहाड़ी इलाके में एक ही भवन में संचालित तीन स्कूल बदहाली के शिकार हैं। स्कूल में बाउंड्रीवॉल नहीं होने के कारण स्कूल का समय समाप्त होते ही असमाजिक तत्वों का जमावड़ा शुरू हो जाता है। जिससे स्कूल परिसर अराजक तत्वों का अड्डा बनकर रह गया है।

शिकायत के बाद भी नहीं दिया ध्यान
शिक्षकों द्वारा कई बार शिकायत किए जाने के बाद भी कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। डेरा पहाड़ी पर स्थित शासकीय स्कूल के भवन में प्राथमिक शाला वार्ड नंबर-एक, माध्यमिक शाला डेरा पहाड़ी और प्राथमिक शाला बीएसएनएल कॉलोनी संचालित होती हैं। इन स्कूलों में करीब पांच सौ बच्चे अध्ययनरत हैं।

रात में शराबखोरी का अड्डा
बच्चों की संख्या अधिक होने व एक ही स्थान पर तीन स्कूलों का संचालन होने के बाद भी शिक्षा विभाग स्कूल परिसर के बाहर बाउंड्री नहीं बनवा सका है। स्कूल का समय समाप्त होते ही शराबखोरी और जुआ का फड़ जमने लगता है। इसके अलावा आवारा पशुओं का आना-जाना भी लगा रहता है। इसी गंदगी के बीच बच्चों को मध्याह्न भोजन भी वितरित किया जाता है। 

सभी परेशान
स्कूल में 14 शिक्षक और करीब पांच सौ छात्र-छात्राएं हैं। बाउंड्री वॉल नहीं होने से शिक्षकों से लेकर बच्चे तक परेशान हैं। शिक्षकों का कहना है कि बाउंड्रीवॉल नहीं होने के कारण बच्चों को काफी परेशानी होती है। कई बार वरिष्ठ अधिकारियों का इस ओर ध्यान आकृष्ट कराया है लेकिन काई ध्यान नहीं देता।

मौके पर जाकर निरीक्षण किया जाएगा। स्टीमेट हुआ तो स्कूल में बाउंड्रीवॉल या अन्य कोई व्यवस्था की जाएगी।
जेएन चतुर्वेदी, सहायका संचालक स्कूल शिक्षा विभाग

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