बता दें कि, कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक विंसेंट को घरेलू हिंसा का शिकार बताया गया। 2006 में लाश मिलने और पोस्टमार्टम के बाद अंदाजा लगा कि जॉयस की मौत दिसंबर 2003 में ही हो गई थी। पड़ोसियों के बयान के मुताबिक, कभी-कभी उन्हें सड़ने की बू जैसी तो आती थी लेकिन उन्हें लगता था वह बदबू सड़क पर पड़े कचरे की होगी और वे इसी तरह उस गंध को 3 साल तक नज़रअंदाज़ करते रहे। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार विन्सेंट ने अपनी मौत के 2 साल पहले नौकरी छोड़ दी थी। इस्तीफे का कारण विंसेंट ने किसी को नहीं बताया था। इसके बाद वह एक घरेलू हिंसा से जुड़े शेल्टर होम में अपनी बिताने लगी और इसके बाद उसने सबसे रिश्ते खत्म कर लिए। विंसेंट कई बिमारियों से पीड़ित थी जिसकी वजह से उसकी मौत की पहेली और उलझ गई। मकान मालिक ने भी कभी जॉयस की सुध नहीं ली, इसके पीछे का कारण यह है कि, घर का आधा किराया हाउसिंग बेनिफिट्स कवरिंग से सीधे उनके अकाउंट में पहुंच जाता था। 2 साल से नदारद विन्सेंट पर 2.25 लाख का बकाया था जिसे वसूलने के लिए अधिकारियों ने उसकी तलाश शुरू कर दी जिसके बाद उसकी लाश उसके फ्लैट से बरामद की गई। विंसेंट की मौत की सही वजह ढूंढ़ना पुलिस और डॉक्टरों के लिए एक चुनौती बन गई थी।