झारखंड में घटी इस वाक्ये के बारे में जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे। आइए जानते हैं कि आखिर ऐसा क्या हुआ था जिसका खौफ आज भी लोगों के दिलों दिमाग पर बरकरार है। सबसे पहले बता दें कि उस समय देश में अंग्रेजों का शासन था। वे झारखंड में रेलवे लाइन बिछाने का काम कर रहे थे। काम करते समय जमीन की खुदाई की जा रही थी और इस दौरान मजदूरों को एक शिवलिंग मिली।
शिवलिंग को देखते ही वे चौंक गए और काम को वही रोक दिया। इस बीच ब्रिटिश इंजीनियर रोबर्ट हेनरी ने मजदूरों को वहां फिर से खुदाई करने को कहा। मजदूरों से जब उन्होंने शिवलिंग के बारे में सुना तो खुद ही उनसे फावड़ा लेकर शिवलिंग को खंडित कर दिया।
स्थानीय लोगों का ऐसा कहना है कि, उस समय उपस्थित लोगों ने इंजीनियर को समझाने का काफी प्रयास किया, लेकिन वह किसी की सुनने को तैयार ही नहीं था और आखिरकार वही किया जो उसे नहीं करना चाहिए था। उसने भगवान के शिवलिंग पर फावडे से वार कर दिया।
आश्चर्य की बात तो यह थी कि इस घटना के कुछ समय के बाद ही इंजीनियर की मौत हो गई। सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि वहां मौजूद मशीन भी कुछ देर बाद बंद हो गई।
विज्ञान को ताक पर रख देने वाली इस घटना के बाद सरकार को मजबूरन उस रेलवे रूट को बदलवाना पड़ा। आगे चलकर वहां मंदिर बना दिया जिसकी आज भी आराधना की जाती है। बता दें, इस मंदिर का नाम महादेवशाल धाम है जो झारखंड के गोइलकेरा में स्थित है।