अजब गजब

वक्त की मार का हुआ ऐसा असर कि इस आलीशान चीज़ को लोग समझ बैठे कबाड़

इस ट्रेन में बैठने के लिए गद्देदार सोफा से लेकर डाइनिंग एरिया तक बने हुए थे

Sep 10, 2018 / 05:24 pm

Arijita Sen

वक्त की मार का हुआ ऐसा असर कि इस आलीशान चीज़ को लोग समझ बैठे कबाड़

नई दिल्ली। वक्त से शक्तिशाली कुछ और नहीं होता। समय के प्रभाव से कोई अछूता नहीं रहता। चाहे कोई भी चीज़ क्यों न हो वक्त के साथ-साथ वो ढ़ल ही जाता है। चाहें वो इंसान हो या फिर कोई आलीशान इमारत या फिर कोई महंगी वस्तु समय के साथ वो जर्जर हो ही जाती है।

कुछ ऐसा ही माज़रा पिछले साल देखने को मिला जब लोग जंकयार्ड में एक ट्रेन को कबाड़ समझ बैठे थे लेकिन बाद में जब इस ट्रेन की सच्चाई सबके सामने आई तो लोगों के होश उड़ गए।इस ट्रेन की सच्चाई से लोगों को रूबरू करवाया ब्रायन ने जो कि पेशे से एक फोटोग्राफर है। ब्रायन ने इस ट्रेन को बहुत ही बुरी हालत में बेल्जि़यम से ढ़ूढ़ निकाला। इस ट्रेन का नाम ओरिएंट एक्सप्रेस था और ये कोई आम ट्रेन नहीं है बल्कि ये किसी वक्त राजसी सवारी हुआ करती थी।

Orient express

इस ट्रेन की शुरूआत साल 1883 में हुई थी और साल 2007 में इस सेवा को बंद कर दिया गया।आपको बता दें कि साल 1883 में ओरिएंट एक्सप्रेस की शुरूआत लोगों को आरामदायक यात्रा करवाने की दृष्टि से की गई थी।

ये भी पढ़ें: खुदाई में मिले दुनिया के सबसे पुराने कंडोम को देख लोग हुए हैरान, बेजुबानों की इस चीज से किए जाते थे तैयार

इसके लिए इस ट्रेन में बैठने के लिए गद्देदार सोफा से लेकर डाइनिंग एरिया तक बने हुए थे लेकिन जैसे-जैसे वक्त बीतता गया, देखभाल के अभाव में इस आलीशान ट्रेन की हालत भी बिगड़ती गई और फिर धीरे-धीरे वो एक कबाड़ में तब्दील होती गई।

Orient express

फोटोग्राफर ब्रायन ने जिस ट्रेन की खोज की है, वो भी इसी ओरिएंट ट्रेन का ही हिस्सा थी। उस ज़माने में ये ट्रेन यात्रियों को पेरिस से इंस्तांबुल ले जाती थी।

Orient express

ब्रायन के इस खोज के बाद और असलियत के सामने आने से लोगों में ये ट्रेन काफी चर्चा का विषय बन गया और तो और ओरिएंट एक्सप्रेस की तस्वीरें सोशल मीडिया पर भी खूब छायी रही।

Home / Ajab Gajab / वक्त की मार का हुआ ऐसा असर कि इस आलीशान चीज़ को लोग समझ बैठे कबाड़

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.