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दरअसल, डेलमेनहोर्स्ट अस्पताल ( hospital ) के आईसीयू में एक नर्स रेफरेंस पत्र लेकर पहुंचा था। ऐसे में उसे ओल्डनबर्ग के अस्पताल में नौकरी पर रख लिया गया। इस नर्स का नाम नील्स होगेल है। किसी को ये नहीं पता था कि 42 साल का होगेल कुछ ऐसा भी कर सकता है जिससे मरीजों की जान चली जाएगी। अस्पताल प्रशासन को उस पर उस वक्त शक हुआ जब उसकी निगरानी में 300 मरीजों की मौत हो गई। होगेल मरीजों को दवाओं का ओवरडोज देकर मार दिया करता था। पौलेंड, जर्मनी और तुर्की से अधिकारियों ने 130 शव बरामद किए। वहीं होगेल ने 43 लोगों को मारने की बात मानी है। हालांकि, उसने बाकी 52 लोगों को मारने की बात से इंकार किया है।
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वहीं होगेल ने ये हत्याएं क्यों की इसका कारण अब तक नहीं पता चल पाया है। जर्मनी ( Germany ) में रहने वाला होगेल शांति काल के बाद देश और शायद विश्व का सबसे बड़ा सीरियल किलर है। वो ये काम काफी लंबे समय से कर रहा था। होगेल को दो मरीजों की मौत के मामले में आजीवन कारावास की सजा दी गई है। साथ ही उस पर चार अन्य हत्याओं का मुकदमा भी चल रहा है। लेकिन इस मामले ने हर किसी को हैरान और सोचने पर मजबूर कर दिया है।